पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उप प्रधान भादू शेख की 21 मार्च की रात बम मारकर हत्या करने की घटना के बाद हिंसा भड़क गई। आरोप है कि बदला लेने के लिए शेख के समर्थकों ने गांव में कम से कम 10 से 12 घरों में आग लगा दी, जिसमें 10 लोगों की मौत के दावे किए जा रहे हैं। मरने वालों में दो बच्चे भी हैं।
7 फरवरी, 2002 को गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरती एक्सप्रेस की एस-6 बोगी में आग लगाकर अयोध्या से लौट रहे कार सेवकों को जिंदा जला दिया गया था । इस घटना में 59 कार सेवकों की मौत हो गई थी।
पुलिस महानिदेशक का दावा
पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने बताया कि केवल आठ लोगों की मौत हुई है। इनमें से सात लोगों के शव एक ही घर से बरामद किए गए हैं और एक व्यक्ति की मौत उपचार के दौरान अस्पताल में हुई है। उन्होंने बताया कि आगजनी की घटना में 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि शेख की हत्या के सम्बंध में हमलावरों की तलाश तेज कर दी गई है।
राजनीतिक सम्बंध होने से इनकार
आगजनी की घटना का राजनीतिक सम्बंध होने से इनकार करते हुए उन्होंने इसके पीछे व्यक्तिगत रंजिश होने की आशंका व्यक्त की। उन्होंने बताया कि 21मार्च की रात तृणमूल कांग्रेस नेता भादु शेख की हत्या के एक घंटे बाद आसपास के सात से आठ घरों में आग लगा दी गई। एक घर से सात शव बरामद किए गए, जबकि एक व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई। इस मामले में लापरवाही के आरोप में रामपुरहाट के थाना प्रभारी और एक अनुमंडल पुलिस अधिकारी को उनके पदों से हटा दिया गया है।
विशेष जांच दल का गठन
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आपराधिक जांच विभाग) ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की अध्यक्षता में पार्टी विधायकों की तीन सदस्यीय टीम को मौके पर भेजा है। हकीम ने बताया कि तृणमूल नेता की हत्या और गांव में आगजनी एक-दूसरे से जुड़ी हुई है या नहीं, अभी पता नहीं चल सका है।
टीएमसी का स्पष्टीकरण
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि यह घटना स्थानीय रंजिश का परिणाम है। उन्होंने ट्वीट किया कि रामपुरहाट में आग की घटना में हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिले के प्रमुख अणुब्रत मंडल ने बताया कि जहां शेख का शव मिला था, पुलिस वहां के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। आगजनी की घटना को लेकर अजीबोगरीब दावा करते हुए उन्होंने कहा है कि शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी है।
एक्शन में राज्यपाल
उधर, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव से घटना पर तत्काल विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में राज्यपाल ने कहा कि वह इस घटना से आहत हैं और यह संकेत देता है कि राज्य हिंसा और अराजकता की चपेट में है।
ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा
इस घटना को लेकर विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री एवं राज्य की गृहमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने आगजनी की घटना को नरसंहार करार दिया है। सलीम ने आरोप लगाया कि घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन “जांच और सच्चाई” को दबाने के लिए किया गया है।
राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले एक सप्ताह में 26 हत्याएं हो चुकी हैं। केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए और बंगाल में स्थिति को अपने नियंत्रण में लेने के लिए अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) या अनुच्छेद 355 (राज्यों को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाने के लिए संघ का कर्तव्य) का उपयोग करना चाहिए।
अमित शाह ने मांगी रिपोर्ट
राज्य भाजपा इकाई के प्रमुख सुकांत मजुमदार ने कहा कि मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के संज्ञान में लाया गया है, जो 23 मार्च को मामले की सुनवाई करेंगे। उधर, दिल्ली में भाजपा सांसदों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, जिसके बाद केंद्र सरकार ने 72 घंटे के अंदर इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।