बीरभूम हिंसाः निशाने पर ममता सरकार, नेटिजंस इन शब्दों में व्यक्त कर रहे हैं अपना गुस्सा

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना की जा रही है। वहां की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

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पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उप प्रधान भादू शेख की 21 मार्च की रात बम मारकर हत्या करने की घटना के बाद हिंसा भड़क गई। आरोप है कि बदला लेने के लिए शेख के समर्थकों ने गांव में कम से कम 10 से 12 घरों में आग लगा दी, जिसमें 10 लोगों की मौत के दावे किए जा रहे हैं। मरने वालों में दो बच्चे भी हैं।

इस हिंसा की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना की जा रही है। साथ ही वहां के कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है।

नेटिजंस के निशाने पर ममता सरकार
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बीरभूम हिंसा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होने प्रदेश को हिंसक संस्कृति की चपेट में आने का आरोप लगाते हुए घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने घटना की पूरी रिपोर्ट मुख्य सचिव से मांगी है।

https://twitter.com/jdhankhar1/status/1506187657692340226?s=20&t=IqyyhHE1g0-mhJnDGNeKMg

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने इस हिंसा को कश्मीर में  1990 में पंडितों की साथ घटी घटना की तरह बताया है।

 

एक अन्य अकाउंट यूजर ने भी इस घटना की कड़ी आलोचना की है। उसने लिखा है, “क्या कसूर था उनका, आप गृहमंत्री और मुख्यमंत्री बने रहने लायक नहीं हैं।”

एक अन्य यूजर ने यहां की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। कंचन गुप्ता नामक इस यूजर ने बंगाल में हिंसा को बर दिन की बात बताई है।

एक अन्य यूजर ने इस हिंसा को लेकर प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार की कड़ी आलोचना की है।

एक अन्य यूजर ने इस हिंसा को लेकर प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार की कड़ी आलोचना की है।

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