हिंदुओं की हत्या पर नहीं निकली आवाज, अब बंगाल में क्यों दिख रहा है जंगलराज?

पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हमले और मारपीट का तांडव चलता रहा। स्थिति इतनी खराब होने के बावजूद देश के लिबरल पत्रकार और सोशल मीडिया पर सुपर एक्टिव चर्चित नेटिजंस ने मौन साधे रखा।

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पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के बाद से ही राजनैतिक हिंसा जारी है। परिणाम आने के कुछ ही घंटे बाद भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार के साथ ही कई हिंदुओं पर हमला कर उन्हें मौत की नींद सुला दी गई थी। तब मई 2021 में पश्चिम बंगाल में भयानक स्थिति पैदा हो गई थी और कई भाजपा कार्यकर्तओं के साथ ही हिंदू परिवारों ने डरकर अपना घर-द्वार छोड़ दिया था। उन्होंने अन्य सुरक्षित स्थानों के साथ ही असम में बनाए कैंपों में शरण ली थी।

इसके बावजूद बीच-बीच में वहां हिंदुओं पर हमले और मौत का तांडव चलता रहा। स्थिति इतनी खराब होने के बावजूद देश के लिबरल पत्रकार और सोशल मीडिया पर सुपर एक्टिव चर्चित नेटिजंस ने या तो मौन साधे रखा या फिर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी तृणमूल कांग्रेस पार्टी का बचाव करते रहे।

गिरगिट की तरह बदल रहे हैं रंग
अब इन नेटिजंस ने गिरगिट की तरह रंग बदल लिया है। पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा में मुसलमानों की मौत के बाद अब इन्हें प्रदेश में जंगलराज दिखने लगा है। राज्य के बीरभूम के रामपुरहाट में सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के स्थानीय नेता भादू शेख की बम से हत्या करने के बाद क्षेत्र के कई घरों में आग लगा दी गई थी। इसमें 12 मुसलमानों की मौत होने के बाद बंगाल से दिल्ली तक भूचाल आया हुआ है। हालांकि पुलिस का दावा है कि मरने वालों की संख्या केवल 8 है।इस हिंसा के बाद प्रदेश में जंगलराज दिख रहे कुछ चर्चित नेटिजंस के ट्वीट को देखकर आप समझ सकते हैं कि बीरभूम कांड से ये अंदर तक किस तरह हिल गए हैं, जबकि इससे पहले तक ये एकदम शांतचित थे।

सुवेंदु अधिकारी का दावा
दूसरी तरफ ज्यादा पीछे न भी जाएं तो हाल के दिनों के हिंदुओं पर हमले और उनमें हुई उनकी मौत के आंकड़े भी दिल दहला देने वाले हैं। पत्रकार अभिजीत मजूमदार और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी का दावा है कि बंगाल में एक हफ्ते में 26 राजनैतिक हत्याएं की गई हैं। इनमें से कई को तो जिंदा जला देने के आरोप लगाए जा रहे हैं। अभिजीत का कहना है कि प्रदेश अब जिहादियों और अपराधियों का अड्डा बन गया है। वे हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ने का भी दावा करते हैं।

अब उन्हें दिख रहा है जंगलराज
सच तो यह है पश्चिम बंगाल के स्थानीय मीडिया अपराधों पर चुप्पी साधने में ही अपनी भलाई समझते हैं। हालांकि जब भी अवसर मिलता है, वे प्रधानमंत्री मोदी को गाली देने से नहीं चूकते। लेकिन अब भूमबीर हिंसा के बाद उन्हें बंगाल में जंगलराज दिखने लगा है। अब वे वहां से ममता बनर्जी को हटाना चाहते हैं। उन्हें वहां की घटनाएं अमानवीय लगने लगी हैं, जैसे पहले कुछ हुआ ही नहीं हो।

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