योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले स्वतन्त्र देव सिंह भाजपा उप्र इकाई के अभी भी अध्यक्ष हैं। उनके कार्यकाल में ही इस बार यूपी चुनाव में भाजपा ने परचम लहराया। वे परिवहन, प्रोटोकॉल एवं ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रह चुके हैं। स्वतंत्र देव सिंह का जन्म मिर्जापुर जनपद के ओरी ग्राम में 13 फरवरी 1964 में हुआ था। इनकी मां का नाम रामा देवी और पिता का नाम अल्लर सिंह था। इनकी शादी झांसी जनपद के सिगार ग्राम में हुई थी। मिर्जापुर जनपद में जन्मे स्वतंत्र देव सिंह ने बुन्देलखंड के जालौन को कर्मभूमि बनाया।
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छात्र संघ से राजनीतिक की शुरुआत
डीएवी डिग्री कॉलेज उरई में छात्र संघ (1986) का चुनाव लड़ा और हार गए। बीएससी डिग्री प्राप्त की और पत्रकार बने पर ज्यादा वक्त तक पत्रकारिता रास नहीं आई और उसे छोड़ संघ के स्वयंसेवक बन गए। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले स्वतंत्रदेव के बडे भाई श्रीपत सिंह की पुलिस में नौकरी लग गयी, जिनकी नियुक्ति जालौन में हुई। उनके बड़े भाई स्वतंत्र को जालौन ले गये वहीं से स्वतंत्रदेव ने पढ़ाई पूरी की। यहीं से स्वतंत्र देव ने राजनीति में कदम रखा।
संघ से एबीवीपी और भाजपा का सफर
1986 में आरएसएस से जुड़कर स्वयंसेवक के रूप में संघ के प्रचारक का कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। 1988-89 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में संगठन मन्त्री के रूप में कार्य भार ग्रहण किया। इसके बाद भाजपा कानपुर के युवा शाखा के मोर्चा प्रभारी बने। 1994 में बुन्देलखण्ड के युवा मोर्चा के प्रभारी के रूप में विशुद्ध राजनीतिज्ञ के रूप में राजनीति में पदार्पण किया। 1996 में युवा मोर्चा का महामन्त्री नियुक्त किया। 1998 में दोबारा भाजपा प्रदेश युवा मोर्चा का महामन्त्री बनाया गया। 2001 में भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने।
2004 में स्वतंत्र देव सिंह बुन्देलखंड से झांसी-जालौन-ललितपुर विधान परिषद के सदस्य चुने गये व प्रदेश महामन्त्री भी बनाये गये। वह 2004 से 2014 तक दो बार प्रदेश महामन्त्री बनाये गये। इससे पहले 2010 में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बनाये गए बाद में 2012 में फिर महामंत्री बने और इसी पद पर रहकर 2017 में भाजपा को बुन्देलखंड क्षेत्र में भारी जीत दिलाई। 2013 में इनको पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था।
स्वतंत्रदेव सिंह 2014 में प्रदेश में बीजेपी सदस्यता अभियान के प्रभारी बनाए गए थे, जिसमें प्रदेश भर से एक करोड़ से ज्यादा नये सदस्य बनाकर स्वतंत्रदेव सिंह ने अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया था। स्वतंत्र देव सिंह ने 2002 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय में बीजेपी युवा मोर्चा अधिवेशन आयोजित कराया था। वहीं 2009 में वह भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार लाल कृष्ण आडवाणी की रैली के प्रमुख कर्ता-धर्ता रहे थे।
प्रधानमंत्री की रैलियों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
यूपी में लोकसभा चुनाव से लेकर विधान सभा चुनाव में पीएम मोदी की जितनी भी रैली हुई है, उसे सफल बनाने में स्वतंत्रदेव का बहुत बडा हाथ माना जाता है। स्वतंत्र देव सिंह पीएम मोदी की रैली होने के एक सप्ताह पहले की उस स्थान पर डेरा डाल देते थे, जिससे वह छोटे कार्यकर्ताओं में उत्साह और ऊर्जा का संचार करते हुए रैली को सफल बनाते रहे हैं।