अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्वदेश लौटने से पहले 26 मार्च को रूस-यूक्रेन सीमा के करीब पोलैंड की राजधानी वारसा में अपने ऐतिहासिक संबोधन में रूस को चेतावनी दी कि सोवियत संघ ने जब-जब यूरोपीय देशों पर हमला किया है, निरंकुश सोवियत को मुंह की खानी पड़ी है। इतिहास गवाह है कि एक बार फिर रूस और इसके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फ्रीडम और डेमोक्रेसी के सम्मुख झुकना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि वारसा एक ऐतिहासिक नगर है, जो स्वतंत्रता का गवाह है। आज एक बार फिर यूरोपीय देशों ने ठान लिया है कि उनकी स्वतंत्रता पर हमला करने वाले किसी आक्रांता की कोई जरूरत नहीं है।
राष्ट्रपति बाइडन ने भाषण देकर बहादुरी का दिया परिचय
इस संबोधन के समय पोलैंड के प्रधानमंत्री सहित प्रमुख राजनेता एवंं यूक्रेन शरणार्थियों के साथ अन्य लोग मौजूद थे। युद्धरत यूक्रेन सीमा से मात्र चालीस मील दूर अमेरिकी राष्ट्रपति के सम्बोधन के समय यूरोप में तैनात अमेरिकी सेनाओं और इंटेलिजेंस ने सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किए हुए थे। वहीं राष्ट्रपति बाइडन की सराहना की जा रही है कि उन्होंने वारसा में भाषण देकर बहादुरी का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर जेलेंस्की एक निर्वाचित राष्ट्रपति हैं और रूस और उसके राष्ट्रपति को यूक्रेन की स्वतंत्रता पर हमले का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने नाटो देशों को एकजुट रहने की अपील की, वहीं यूक्रेन और उनके शरणार्थियों को भरोसा दिलाया कि उनकी पीड़ा में प्रत्येक अमेरिकी और पश्चिमी देश के लोग खड़े हैं।
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