केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के चंडीगढ़ में केंद्र के सर्विस रूल लागू किए जाने का ऐलान करने के बाद पंजाब की राजनीति गरमा गई है। पंजाब के नेताओं ने एकजुटता से इसका विरोध शुरू कर दिया है लेकिन पंजाब भाजपा इसका समर्थन कर रही है। चंडीगढ़ में इससे पहले कर्मचारियों पर पंजाब सर्विस रूल लागू होते थे।
गृहमंत्री अमित शाह ने 27 मार्च को चंडीगढ़ दौरे के समय ऐलान किया था कि चंडीगढ़ में अब केंद्र के सर्विस रूल लागू होंगे। गृहमंत्री के इस बयान के बाद पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी समेत तमाम विपक्षी दल सतर्क हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर जताई आपत्ति
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मुद्दे पर ट्वीट करके कहा कि यह पंजाब पुनर्गठन एक्ट का उल्लंघन है। चंडीगढ़ पर जायज हक के लिए मजबूती से लड़ेंगे। केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर से पंजाब का हक खत्म करने के लिए एक-एक कदम आगे बढ़ा रही है। आप सरकार इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।
कांग्रेस ने भी भी किया विरोध
पंजाब कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहले ही इस बात की आशंका जताई थी कि केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर से पंजाब का अधिकार समाप्त करना चाहती है। पहले बीबीएमबी में नियम बदले गए। अब यह कार्रवाई करके पंजाब के हितों के साथ कुठाराघात है। खैहरा ने कहा कि पंजाब सरकार इस बारे में सर्वदलीय बैठक बुलाए और संघर्ष शुरू किया जाए।
अकाली दल ने बताया पंजाब के हितों के खिलाफ
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि एक रणनीति के तहत केंद्र सरकार ने पंजाब के हितों के खिलाफ यह फैसला किया है। अकाली दल इस संबंध में बैठक बुलाकर जल्द ही अगली रणनीति का ऐलान करेगा।