बीरभूम नरसंहार : आरोपियों के आए बुरे दिन, सीबीआई के हाथ में कमान

पश्चिम बंगाल में आठ लोगों को जिंदा जलाने के प्रकरण में सीबीआई ने अपनी जांच तेज कर दी है।

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पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लाक के बगटुई गांव में नौ लोगों को जिंदा जलाए जाने की घटना में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जांच में जुटी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने आरोपितों से पूछताछ शुरू कर दी है। सीबीआई अधिकारियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों के 35 जवानों की तैनाती की है।

11 आरोपियों को लिया हिरासत में सीबीआई की टीम
केंद्रीय एजेंसी की 30 सदस्यीय जांच टीम ने रामपुरहाट में अस्थाई कैंप बनाए हैं। यहां इस मामले में गिरफ्तार 11 आरोपितों को अपनी हिरासत में लेकर सीबीआई की टीम ने 28 मार्च को एक साथ पूछताछ शुरू की है। वारदात में अपने पूरे परिवार को खोने वाले मिहिलाल शेख, गिरफ्तार किए गए तृणमूल के रामपुरहाट ब्लॉक अध्यक्ष अनारूल हुसैन सहित सात लोगों को 28 मार्च को कैंप लाकर उनसे सवाल-जवाब किये गए। पहले से गिरफ्तार लालन शेख और आजाद शेख से भी पूछताछ हुई है। आरोप है कि इन दोनों ने आगजनी में बड़ी भूमिका निभाई थी।

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लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड
केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि घटना में रामपुरहाट के निलंबित एसडीपीओ और थाना प्रभारी को समन किया गया है। आरोप है कि भादू शेख पर बमबारी के बाद उनकी मौत होते ही तनाव पसरने लगा था लेकिन पुलिस ने शांति सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी नहीं किया। इसलिए इन दोनों अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। हिंसा की जानकारी मिलने के बावजूद पुलिस ने मौके पर पहुंचने और कार्रवाई करने में लापरवाही बरती क्योंकि उन पर राजनीतिक दबाव बनाया गया था। इसलिए माना जा रहा है कि थाना प्रभारी और एसडीपीओ को सीबीआई गिरफ्तार भी कर सकती है।

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