जम्मू कश्मीर के पंडित अब अपने घरों में वापस लौटने जा रहे हैं। इस दिशा में 2 अप्रैल को ये पंडित नवरेह के अवसर पर प्रतिवर्ष की तरह हरि पर्वत पर इकट्ठा होंगे और शारिका मंदिर में पूजा अर्चना करके अपनी वापसी के लिए आशीर्वाद लेंगे। इस वर्ष जेके पीस फोरम इस कार्यक्रम को भव्य रूप से आयोजित कर रहा है, जिसमें अलग-अलग हिस्सों में रहनेवाले हिंदू और कश्मीरी पंडित इसमें सम्मिलित होंगे। राजनीति से इसमें साक्षी बनेंगे भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी।
90 के दशक में जम्मू कश्मीर के हिंदुओं के नरसंहार पर बनी फिल्म ने पीड़ा को सबके सामने प्रस्तुत किया। इससे सभी की संवेदनाएं उस क्रूरतम् अत्याचार के विरोध में सामने आई हैं। इससे कश्मीरी हिंदुओं की भावना भी प्रबल हुई है। अब 2 अप्रैल को नवरेह के दिन जेके पीस फोरम द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत देश के अलग-अलग हिस्से से कश्मीरी विस्थापित हिंदू हरि पर्वत पर जाएंगे।
इस वर्ष हो सकती ही भीड़
प्रतिवर्ष नवरेह के अवसर पर कश्मीरी पंडित हरि पर्वत पर शारिका मंदिर जाते हैं, जहां पूजा करते हैं। इस वर्ष फिल्म द कश्मीर फाइल्स ने विस्थापितों के घावों को ताजा कर दिया है। जिसके कारण अधिक संख्या में हिंदू पहुंच सकते हैं। इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी और शिवसेना उप नेता प्रियंका चतुर्वेदी के सम्मिलित होने की जानकारी आयोजक सतीश महलदार ने दी है।
यह पिछले 32 वर्षों में पहली बार है, जब सभी दलों के सांसद एक साथ कश्मीर के उत्सव को मनाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए हमने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री शिलोंग के गवर्नर को लिखित आमंत्रण भेजा गया है। परंतु, सभी ने संसद सत्र शुरू रहने और पूर्व नियोजित कार्यक्रमों के कारण अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं। जबकि, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और शिवसेना उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी उपस्थिति रहेंगी।
सतीश महलदार – जेके पीस फोरम
शेर ए कश्मीर पार्क में स्नेह मिलन
हरि पर्वत पर शारिका मंदिर में पूजा के बाद सभी कश्मीरी पंडित और हिंदू शेर ए कश्मीर पार्क में इकट्ठा होंगे। यहां पर स्नेह मिलन का कार्यक्रम रखा गया है, जहां राजनीतिक पार्टी के नेतागण भी सम्मिलित होंगे।
नवरेह जम्मू कश्मीर का नव वर्ष
प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि के पहले दिन नवरेह मनाया जाता है। शपथ ऋषि संवत के अनुसार इस वर्ष 5098 नवरेह मनाया जाना है। इसका उल्लेख राजतरंगिनी और नीलमत पुराण में भी मिलता है।
जम्मू कश्मीर में मनाए जानेवाले नवरेह को महाराष्ट्र, गोवा में गुडी पाडवा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में उगादी के रूप मनाया जाता है। यह हिंदुओं के नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
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