पकड़े गए ‘डॉलर’ चोर: मदद का था नाम, अकाउंट करते थे साफ

पिछले कुछ समय में ऐसे कॉल सेंटर पकड़े गए हैं, जो कॉल करके लोगों से उनकी निजी जानकारी मांगते थे और उनका अकाउंट साफ कर देते थे।

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राजधानी दिल्ली के ओखला विहार इलाके में इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर पर कार्रवाई हुई है। यहां से अमेरिकी नागरिकों से ठगी की जाती थी। दक्षिण पूर्वी जिले की साइबर पुलिस ने इस प्रकरण में कॉल सेंटर के मालिक समेत आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से दस मोबाइल फोन, सात लैपटॉप, छह की-बोर्ड, छह कंप्यूटर मॉनिटर, चार सीपीयू और एक वाईफाई राउटर बरामद हुआ है।

डीसीपी ईशा पांडे ने बताया कि 25/26 मार्च की रात साइबर पुलिस स्टेशन को सूचना मिली कि जामिया नगर के ओखला विहार में एक फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। जिसके बाद एसएचओ कुलदीप शेखावत के नेतृत्व में टीम बनाई गई। फिर कॉल सेंटर में छापेमारी कर छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

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ये हैं जालसाज
गिरफ्तार जालसाजों की पहचान नोएडा निवासी अर्जुन सिंह बिष्ट (25),गाजियाबाद यूपी निवासी कपिल सिंह नेगी (21),जामिया नगर निवासी शाहबुद्दीन (21),शंकर विहार निवासी अंकित यादव (21)मुनिरका निवासी संतोष श्रीवास्तव (43)मुनिरका निवासी वनेंगमाविया (29) के तौर पर हुआ। उनके निशानदेही पर उनके सह-आरोपितों में से एक और उस कॉल सेंटर के मालिक जामिया नगर निवासी मोहम्मद नादिर(38)के साथ एक अन्य सदस्य बाटला निवासी आरिश बेग(21)के तौर पर हुआ है।

बड़ी कमाई का हो गया लोभ
पूछताछ करने पर जालसाजों ने बताया कि अपनी जरूरतों को पूरा करने और जल्दी पैसा कमाने के लिए यह फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर शुरू किया था। यह लोग खुद को अमेजन के कर्मचारी बताते थे और खासकर अमेरिकी नागरिकों को तकनीकी सहायता करने के नाम पर ठगी करते थे। जांच में जालसाजों के पास से जब्त कम्प्यूटर से करीब 35 लाख के लेनदेन की पुष्टि हुई है। सभी सिर्फ 10 वीं से 12 वीं तक पढ़े हैं। हालांकि उनका कोई पुराना आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है।

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