पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर गैर भाजपा पार्टी प्रमुखों को पत्र लिखकर एकजुटता की अपील की है। उन्होंने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का एक बार फिर आरोप लगाते हुए कहा है कि देश हित में सभी प्रगतिशील ताकतों को एक साथ आकर भाजपा के खिलाफ लड़ने की जरूरत है।
पत्र में उन्होंने लिखा है, “देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर भाजपा के सीधे हमले के बाद मैं अपनी गहरी चिंता से अवगत कराते हुए यह पत्र लिख रही हूं। ईडी, सीबीआई, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और आयकर विभाग का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों से प्रतिशोध के लिए हो रहा है। इन एजेंसियों के जरिए विपक्ष के नेताओं को न केवल निशाना बनाया जा रहा है बल्कि उनका उत्पीड़न भी हो रहा है।”
केंद्र सरकार पर लगाया यह आरोप
उन्होंने केंद्र सरकार पर न्यायपालिका के फैसलों की भी अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए संसद में पास दिल्ली स्पेशल पुलिस (संशोधन) बिल 2021 और सीवीसी संशोधन बिल 2021 का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि विपक्ष के वॉकआउट के बावजूद इन दोनों बिलों को मनमाने ढंग से पारित कराया गया। इन के जरिए केंद्र ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ा सकती है। यह सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश का घोर उल्लंघन है।
एकजुटता का अलापा राग
पत्र में ममता ने कहा है कि सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होकर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ खड़ा होना होगा। उन्होंने दावा किया है कि जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं वैसे ही केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता बढ़ जाती है। ममता ने अपने पत्र में यह भी दावा किया है कि भाजपा शासित राज्यों में एजेंसियों को सरकार के कार्यों पर पर्दा डालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
27 मार्च को ही लिखा था पत्र
ममता बनर्जी ने ये पत्र गत 27 मार्च को ही लिखा था लेकिन 29 मार्च को पार्टी की ओर से आधिकारिक मीडिया ग्रुप में इसे साझा किया गया है।