गर्मी बढ़ते ही बढ़ गई मिट्टी के घड़े और सुराही की मांग!

पिछले दो वर्षों से कोरोना के चलते गरीब हो या अमीर सभी के बीच ठंडे पानी के लिए मिट्टी के मटके और सुराही और लोकप्रिय हो गए हैं। गर्मी के दस्तक देते ही देशी फ्रीज यानी मिट्टी के घड़े और सुराही आदि की मांग बढ़ गई है।

154

पारा चढ़ने के साथ ही गर्मी बढ़ती जा रही है। वहीं गर्मी के दस्तक देते ही देशी फ्रीज यानी मिट्टी के घड़े और सुराही आदि की मांग बढ़ गई है। पिछले दो वर्षों से कोरोना के चलते गरीब हो या अमीर सभी के बीच ठंडे पानी के लिए मिट्टी के मटके और सुराही और लोकप्रिय हो गए हैं।

देशी फ्रिज की मांग बढ़ी
इन दिनों तापमान 38 से 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। ऐसे में गर्मी के मद्देनजर देशी फ्रिज की मांग काफी बढ़ गई है। प्रचंड गर्मी में कुम्हारों द्वारा कई किस्म के घड़े बाजार में बेचे जा रहे हैं। मांग के बढ़ने के साथ-साथ इनकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य के लिए इसका पानी उत्तम है। चुनार नगर के चौक बाजार, भरपुर, स्टेशन रोड आदि स्थानों पर मिट्टी के घड़े बिकने के लिए सजे हैं। चिकित्सक के अनुसार मिट्टी के घड़े का पानी उत्तम होता है।

ये भी पढ़ें – उत्तराखंड में मंत्रियों के विभागों का हुआ बंटवारा! जानिये, किसको मिला कौन-सा मंत्रालय

मांग के साथ बढ़ा दाम
भीषण गर्मी में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए इन दिनों मटके की मांग काफी बढ़ गई है। बाजार में एक घड़े की कीमत 60 से 120 रुपये है। सुराही का भी काफी चलन है। समय बदलने के साथ कुम्हारों द्वारा मटका निर्माण में भी कई प्रयोग किए गए हैं। टोटी लगे मटके लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। गर्मी का मौसम शुरू होते ही आम आदमी को गर्मी से निजात पाने के लिए ठंडे पानी की आवश्यकता महसूस होने लगी है। गर्मी के दिनों में काफी लोग फ्रिज का पानी पीने की बजाए मटके के पानी से गला तर करना ज्यादा पसंद करते हैं और मिट्टी के घड़े का सोंधापन अलग ही सुकून प्रदान करता है। पीरवाजी शहीद निवासी बाढ़ू प्रजापति बताते हैं कि चुनार गंगा की मिट्टी से बने घड़े और सुराही का पानी काफी ठंडा होता है। इस बार मटकों और सुराही की कीमत साठ रुपये से डेढ़ सौ रुपये तक है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.