सत्ता आते ही बदल गए ‘मान’, पंजाब में आंदोलनकारी किसानों के साथ किया ऐसा

चुनाव से पहले तक आम आदमी पार्टी और पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार किसानों के कट्टर पक्षधर बनी हुई थीं। लेकिन अब लगता है कि उनकी नीति में बदलाव आ गया है।

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किसान आंदोलन के कट्टर समर्थक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सत्ता आते ही अपना नया रूप दिखाना शुरू कर दिया है। कपास की खेती बर्बाद होने का दावा करते हुए पंजाब की भगवंत मान सरकार से मुआवजा मांग रहे किसानों पर लाठियां बरसाई गई हैं। इस घटना में कई किसान घायल हो गए हैं। इनमें से छह की हालत गंभी बताई गई है।

चुनाव से पहले तक आम आदमी पार्टी और पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार किसानों के कट्टर पक्षधर बनी हुई थीं। ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कई बार आंदोलनकारी किसानों का खुलकर समर्थन किया था। लेकिन अब जो पंजाब में आंदोलनकारी किसानों के साथ पुलिस ने किया है, उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि सत्ता आते ही साहब बदल गए हैं।

मांग रहे थे मुआवजा और मिली लाठी


पंजाब में भारतीय किसान यूनियन( एकता उग्राहां) के बैनर तले किसान बर्बाद हुई कपास की फसल का मुआवजा मांग रहे थे। यूनियन ने आरोप लगाया है कि लांबी में किए गए लाठीचार्ज में छह किसान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका उपचार अस्पताल में चल रहा है।

नायब तहसीलदार को बनाया बंधक
मिली जानकारी के अनुसार किसानों ने लांबी के नायब तहसीलदार समेत अन्य कर्मचारी को कार्यालय में बंधक बना लिया था। उसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर उन्हें उनसे छुड़ाया। नायब तहसीलदार अरजिदर सिंह और अन्य कर्मचारियों के साथ किसानों की इस कृत के खिलाफ पूरे प्रदेश के तहसीलदार हड़ताल पर हैं।

एसडीएम का दावा
इस बीच मलोट के एसडीएम प्रमोद सिंगला ने किसानों की मांग को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि 10 गांव के लोग यहां आकर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके द्वारा 50 प्रतिशत कपास बर्बाद होने का दावा गलत है।

किसान नेता का दावा
किसान यूनियन के नेता गुरपक्ष का दावा है कि किसानों की फसल गुलाबी सुंडी के कारण खराब हो गई है। इसके लिए मुआवजा देने में मुक्तसर जिले को नजरअंदाज करने का भी आरोप उन्होने लगाया है।

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