केंद्र सरकार ने पंजाब को चंडीगढ़ में केंद्रीय सर्विस रूल लागू कर झटका देने के बाद एक और जोर का झटका दिया है।केंद्र ने रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) के तहत जारी की जाने वाली 1100 करोड़ रुपये की ग्रांट रोक ली है। केंद्र का तर्क है कि पंजाब सरकार पहले पंजाब देहाती विकास एक्ट 1987 में संशोधन करे, उसके बाद यह फंड जारी किया जाएगा।
केंद्र सरकार से पंजाब को मिलने वाली अनुदान राशि का विवाद पिछले कई दशकों से चला आ रहा है। इस फंड का दुरूपयोग करने का मामला एक बार फिर से उठ गया है। पंजाब में जब अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन था तो किसी ने यह मुद्दा नहीं उठाया लेकिन गठबंधन टूटने के बाद एक-दूसरे पर आरोप लगाए जाते रहे हैं।
पिछली बार भी रोक लिया था फंड
पिछली कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए मिले फंड को किसानों की कर्ज माफी में खर्च कर दिया था, जिसके बाद केंद्र ने सख्ती दिखाई। केंद्र ने पिछली कांग्रेस सरकार के वक्त भी 1200 करोड़ का फंड रोक लिया था। उस वक्त यह सामने आया कि सरकार ने ग्रामीण विकास का पैसा किसानों की कर्ज माफी में बांट दिया गया। उस वक्त पंजाब सरकार ने भरोसा दिया था कि वह एक्ट में संशोधन कर लेंगे। इसके बावजूद पंजाब सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
गरमा सकती है राजनीति
केंद्र सरकार इस फंड को रोकने की प्रक्रिया पूर्व चन्नी सरकार में ही शुरू कर चुकी थी लेकिन अमली रूप अब दिया गया है। बहरहाल केंद्र के फैसले से पंजाब की राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता मालविंदर कंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जिस काम के लिए फंड आया हो, उसी पर खर्च होगा। केंद्र बदले की भावना से काम न करे। यह पिछली सरकार की नाकामी और गलती है जिसका खामियाजा वर्तमान सरकार को भुगतना पड़ रहा है।