जनता डोली, ममता बोली… ऐसी है बीरभूम की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट

पश्चिम बंगाल के बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के बाद बर्बर हिंसक घटनाएं हुईं। जिसमें 9 लोगों को घर में बंद करके फूंक दिया। इस प्रकरण की जांच में ढिलाई का आरोप झेल रहे स्थानीय प्रशासन को भी बड़ा झटका तब लगा जब उच्च न्यायालय ने इसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को करने का आदेश दिया।

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पश्चिम बंगाल के बीरभूम की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट आ गई है। इसमें बताया गया है कि, घटना के बाद से स्थानीय लोगों में डर है, कई परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है। जबकि, इस रिपोर्ट पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि, इससे जांच प्रभावित होगी।

पश्चिम बंगाल में माफिया का राज चलता है, बीरभूम भी इससे अछूता नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के राज में माफिया, पुलिस और राजनीतिक पार्टियों की मिलीभगत से कार्य होता रहा है। राज्य में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट है।

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बीरभूम की यह फैक्ट फाइडिंग रिपोर्ट भारतीय जनता पार्टी की फैक्ट फाइंडिग कमेटी ने दी है। इस कमेटी ने बीरभूम के बाटोई गांव में एनएचआरसी, राष्ट्रीय महिला आयोग को दौरा करने की सलाह दी है।

सीबीआई के हाथ है जांच
इस जघन्य दुर्घटना में 9 लोग मारे गए थे। जिसके पश्चात कलकत्ता उच्च न्यायालय ने प्रकरण पर सुओ मोटो कॉग्निजेंस लेते हुए इस प्रकरण की जांच सीबीआई को करने का आदेश दिया। इस पर अब सुनवाई शुरू हो गई है। जिसमें सीबीआई ने सब डिविजनल पुलिस अधिकारी शायन अहमद और इंस्पेक्टर त्रिदीप प्रामाणिक से पूछताछ की।

तब तो डिरेल हो जाएगी जांच
भाजपा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप दी गई, इसके कुछ देर बाद ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि, यह रिपोर्ट सीबीआई जांच को बेपटरी कर सकती है।

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