रेलवे पटरी के किनारे बसे लोगों के लिए ये है शुभ सूचना!

लोकसभा में रेलवे पटरी के किनारे बसे लोगों के पुनर्वास का मुद्दा सभी क्षेत्रों के लिए मार्गदर्शक हो सकता है। मुंबई और अन्य शहरों के बड़े क्षेत्र में लोग रेलवे पटरी के किनारे बसे हुए हैं, जो रेलवे के विस्तार में बाधक के रूप में देखे जाते हैं।

136

घाटकोपर से ठाणे के बीच रेलवे पटरी के किनारे बसे लोगों को राहत मिल सकती है। इन लोगों की दिक्कत को स्थानीय सांसद मनोज कोटक ने लोकसभा में उठाया किया है। जिसके कारण अब इन निवासियों के पुनर्वास को लेकर केंद्र सरकार बड़ा कदम उठा सकती है।

घाटकोपर, विक्रोली, कांजुरमार्ग से ठाणे के बीच बड़ी संख्या में चाल बनी हुई हैं। जिसमें हजारो परिवार 30 वर्षों से अधिक समय से रहते हैं। इन परिवारों को पिछले कुछ दिनों में रेलवे ने नोटिस दिया था। जिसके कारण वर्षों से रेलवे पटरी के किनारे रहनेवाले इन मध्यमवर्गीय लोगों के सामने बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है।

ये भी पढ़ें – प्रधानमंत्री ने मतुआ समाज के धर्म मेला को किया संबोधित, खून-खराबे की राजनीति पर कही ये बात

त्वरित हो बोर्ड का गठन
इस दिक्कत को महसूस करते हुए स्थानीय भाजपा सांसद मनोज कोटक ने लोकसभा में शून्य काल के समय मुद्दा उपस्थित किया। उन्होंने मांग की है कि, घाटकोपर से लेकर ठाणे के बीच रेलवे पटरी के किनारे बसे लोगों के बेघर होने की परेशानी के निराकरण के लिए एक त्वरित बोर्ड का गठन किया जाए। जो इन लोगों का सर्वेक्षण करके उनके पुनर्वास का कार्य करे। इससे लोग बेघर होने से बच जाएंगे।

क्या कहा सांसद मनोज कोटक ने?
रेलवे पटरी से लगे हुए क्षेत्रों में लोग 30-35 वर्षों से रहते हैं। इन लोगों को रेलवे प्रशासन की ओर से नोटिस जारी हुआ है। जबकि इसी प्रकार के प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने रेलवे, राज्य सरकार, स्थानीय प्राधिकरण को आदेश दिया था कि, पहले पुनर्वास की योजना बताई जाए। वर्तमान प्रकरण में रेलवे ने बिना पुनर्वास की योजना बताए नोटिस दी है। इसलिए मेरा सरकार से अनुरोध है कि, मध्य रेल के घाटकोपर से ठाणे के बीच रेलवे की पटरी के किनारे बसे लोगों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, झोपडपट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण, स्थानीय महानगर पालिका और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजनल डेवलेपमेंट अथॉरिटी को सम्मिलित करके एक बोर्ड गठित किया जाए। जो लोगों के पुनर्वास को लेकर कार्य करे। जिससे नोटिस मिलने के कारण भय में रहनेवाले हजारो स्थानीय निवासियों को राहत मिल सके।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.