प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 मार्च को राज्यसभा से सेवानिवृत्त सांसदों से देश भर में सदन के अपने अनुभव को साझा करने और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यहां प्राप्त अनुभव का अकादमिक ज्ञान की तुलना में अपना महत्व होता है और मुझे विश्वास है कि सेवानिवृत्त होने वाले सांसद इसे राष्ट्र की सेवा में आगे बढ़ाएंगे। हम सेवानिवृत्त सदस्यों से कहेंगे कि आप फिर से इस सदन में आएं।
जीवन में अनुभव का है खास महत्व
प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा कि अनुभव से जो प्राप्त हुआ होता है, उसमें समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। अनुभव का मिश्रण होने के कारण गलतियां कम से कम होती हैं। अनुभव का अपना एक महत्व होता है। जब ऐसे अनुभवी साथी सदन से जाते हैं, तो सदन और राष्ट्र को बहुत बड़ी कमी महसूस होती है। आगे उन्होंने कहा कि आज जो साथी विदाई लेने वाले हैं, उनसे हम सब ने जो सीखा है, संकल्प करें कि उसमें से उत्तम और सर्वश्रेष्ठ है, उसे आगे बढ़ाने में इस सदन की पवित्र जगह का जरूर उपयोग करेंगे, जो देश की समृद्धि में काम आएगा।
प्रधानमंत्री ने और क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आजादी का अमृत महोत्सव है। हमारे महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया और अब देने की जिम्मेदारी हमारी है। अब आप खुले मन से एक बड़े मंच पर जाकर आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर लोगों को प्रेरित करने में योगदान कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा, ए.के. एंटनी, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और स्वप्न दासगुप्ता सहित 72 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं।