श्रीलंका का संकट और गहराया: अब कैबिनेट का सामूहिक इस्तीफा! प्रदर्शनकारी कर रहे हैं ये मांग

लोगों के गुस्से को देखते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबायो राजपक्षे ने 1 अप्रैल की देर रात से देश में आपातकाल की घोषणा की थी। दूसरे दिन 2 अप्रैल को सरकार ने 36 घंटे के लिए देशव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की।

115

अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अब गहरा राजनीतिक संकट भी पैदा हो गया है। 3 अप्रैल देर रात कैबिनेट के सभी सदस्यों ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। हालांकि श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिन्द्रा राजपक्षे अपने पद पर बने हुए हैं।

भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका अबतक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। राशन, ईंधन और बिजली जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी से जूझ रहे लोगों में भारी गुस्सा है और वे देश के विभिन्न हिस्सों में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।

आपात काल लागू
लोगों की नाराजगी को देखते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबायो राजपक्षे ने 1 अप्रैल की देर रात से देश में आपातकाल की घोषणा की थी। दूसरे दिन 2 अप्रैल को सरकार ने 36 घंटे के लिए देशव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की।

664 लोग गिरफ्तार
3 अप्रैल को श्रीलंका में 36 घंटे के राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करने और सरकार विरोधी मुहिम चला रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार से उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास किया। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान 664 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। प्रदर्शनकारी देश को आर्थिक संकट से उबारने के लिए एक सर्वदलीय कार्यवाहक सरकार के गठन की मांग कर रहे हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.