#HIJABROW हिजाब विवाद में सामने आया अलकायदा के जवाहिरी का जहर!

हिजाब, हलाल और कर्कश ध्वनि में बांग देनेवाले भोंगे, ऐसे विषय हैं जिन पर नीतिगत निर्णय आवश्यक है। अब तक तुष्टीकरण की नीतियों के चलते यह आतंकी संगठनों को विद्रोह परोसने का अवसर देते रहे हैं।

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कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद देशव्यापी कैसे हो गया। यह सबसे बड़ा प्रश्न था। इसका उत्तर अब सामने आया है, जब अलकायदा का प्रमुख रहा अयमन अल जवाहिरी इसके समर्थन में शेरो-शायरी गुनगना रहा है। उसने इस प्रकरण में उस छात्रा की प्रशंसा की है, जो कर्नाटक के कॉलेज में नारे लगाती दिखी थी।

हिजाब पहनने को लेकर मतभिन्नता उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद समाप्त हो गई है। लेकिन, इसमें इस्लाम के नाम पर आग उगलने का कार्य अब भी चल रहा है। इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन अलकायदा का षड्यंत्र सामने आ चुका है। आतंकी ओसामा बिन लादेन का संगठन अलकायदा भारत में हिजाब के नाम पर जहर घोल रहा है। इसका खुलासा अयमन अल जवाहिरी के वीडियो ने किया है। भारत के प्रतिष्ठित बहुभाषीय समाचार माध्यम के अनुसार जवाहिरी का वीडियो सुरक्षा एजेंसियों की जांच में है।

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भारत की मुस्कान का गुणगान
कर्नाटक के हिजाब विवाद में कॉलेज की छात्रा मुस्कान खान ने हिजाब का विरोध होने पर नारे लगाए थे। इससे खुश हुए नेताओं ने उसकी प्रशंसा में कसीदे पढ़े, मालेगांव में तो उसके नाम उर्दू घर करने का निर्णय मालेगांव महानगर पालिका के सदस्यों ने कर दिया। उस मुस्कान का बड़ा समर्थक अयमन अल जवाहिरी है।

एक वीडियो जारी करके अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के आतंकी ने कसीदे पढ़े हैं, उसने मुस्कान के नाम कसीदे पढ़े और पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे भारत के पड़ोसी मुस्लिम राष्ट्रों को लताड़ लगाई है।

जवाहिरी का जहर
अल जवाहिरी के वीडियो का शीर्षक है, ‘द नोबल वुमेन ऑफ इंडिया’ इसमें आतंकी कहता है। ‘वह अपनी बहन (मुस्कान) से बहुत प्रभावित हुआ है, इसलिए उसने शेर लिखने का निर्णय किया। मुस्कान ने तकबीर के दर्द को बुलंद किया है।’

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सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिजाब को इस्लाम का आवश्यक हिस्सा मानने से इन्कार कर दिया और इसके पहनने को अतिआवश्यक नहीं बताया। न्यायालय के निर्णय के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों में निर्धारित स्कूल यूनिफार्म का पालन अनिवार्य है।

उच्च न्यायालय के इस निर्णय को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। इस प्रकरण की तत्काल सुनवाई को लेकर पहला झटका मुस्लिम पक्ष को लग चुका है।

हिजाब के बाद हलाल विवाद
कर्नाटक में हिजाब पहनने को लेकर उठा विवाद उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद ठंडा होने लगा था। इस बीच हलाल का मुद्दा जीवित कर दिया गया। इसके लिए मुस्लिम दुकानदारों ने बंद भी पुकारा था। हिंदू संगठनों ने हलाल के मांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। जिसका मुस्लिम संगठन और व्यवसाई विरोध कर रहे हैं।

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