यूक्रेन पर रूसी हमले का विरोध करने के लिए अब यूरोपीय संघ के देश राजनयिक तौर पर भी मॉस्को से दूरी बना रहे हैं। पिछले 48 घंटे में यूरोपीय संघ के देशों ने 120 राजनयिकों को अपने देश से निकाल दिया। रूस ने इन गतिविधियों को नकारात्मक करार देकर जवाबी कार्रवाई की बात कही है।
15 राजनयिकों को देश से निकालने का आदेश
यूक्रेन पर हमले को लेकर यूरोपीय संघ अभी तक रूस पर प्रभावी अंकुश लगा पाने में विफल रहा है। अब यूरोपीय संघ के देशों ने रूसी राजनयिकों पर रूस के लिए जासूसी करने का आरोप लगाकर ‘देश निकाला’ देने का सिलसिला शुरू कर दिया है। स्पेन, इटली, डेनमार्क, स्वीडन, जर्मनी और फ्रांस ने इस दिशा में पहल की है। फ्रांस ने रूस के 25 राजनयिकों को देश छोड़ने के आदेश जारी किए हैं। फ्रांस के साथ ही जर्मनी ने भी 40 रूसी राजनयिकों को देश छोड़ कर जाने को कह दिया है। इसके बाद इटली ने 15 राजनयिकों को देश से निकालने का आदेश जारी कर दिया। इस तरह से अपने राजनयिकों के निष्कासन पर रूस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है।
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यूरोपीय देशों के साथ संवाद और संचार
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इसे नकारात्मक कार्रवाई करार दिया है। इसे अदूरदर्शी कदम बताते हुए उन्होंने इसका करारा जवाब देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इससे यूरोपीय देशों के साथ संवाद और संचार की प्रक्रिया और अधिक जटिल बन सकती है। अफसोसजनक पहलू ये है कि कठिन परिस्थितियों में राजनयिक संवाद के माध्यम को सीमित किया जा रहा है। इससे समस्या सुलझने के स्थान पर अधिक उलझेगी।
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