खतरे में हैं मुख्यमंत्री! आवास पर बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ पीठ और मंदिर के महंत हैं। जब गोरखनाथ मंदिर में हमला करने की घटना सामने आई उसके बाद से ही सुरक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव किया गया है।

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गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर की घटना के बाद मुख्यमंत्री के लखनऊ स्थित सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। आवास की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब सीआरपीएफ के जवानों को दी गयी गई है।

गोरक्षनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षा 

गोरखनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर हमले के घटना की जांच में जब आतंकी कनेक्शन सामने आया तो गृह विभाग चौकन्ना हो गया। सुरक्षा के लिहाज से वाराणसी, अयोध्या, मथुरा और प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रतिष्ठित मठ-मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया है। वहीं, गृह विभाग ने अब मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की सुरक्षा को भी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा में सीआरपीएफ की दो प्लाटून के 72 महिला और पुरुष जवान चौबीस घंटे के लिए तैनात किए गए हैं। सीआरपीएफ की 233 बटालियन की अल्फा यूनिट भी है, जिसमें महिला जवान होती हैं।

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गृह विभाग उनकी सुरक्षा को लेकर कोई शिथिलता नहीं

उल्लेखनीय है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठ के महंत भी हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायर ब्रांड नेताओं में सुमार हैं। देश के चुनिंदा हिन्दू नेताओं में एक योगी आदित्यनाथ दुनिया भर के एक विशेष वर्ग से ताल्लुक रखने वाले आतंकी संगठनों के निसाने पर माने जाते हैं। यही वजह है कि गृह विभाग उनकी सुरक्षा को लेकर कोई शिथिलता नहीं बरत रहा।

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