भाईजान के लिए धड़का आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सीएम का दिल!

अल्पसंख्यकों की खुशहाली के नाम पर समाज में विद्वेश फैलाने का कार्य राजनीति बराबर करती रही है।

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देश तुष्टीकरण की नीतियों से क्षति उठाता रहा है, कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार को तत्कालीन सरकारों द्वारा दबा दिया गया था। एक फिल्म ने उस काल के दर्द को हरा कर दिया है, कर्नाटक में हिजाब पर मनमानी को न्यायालय के निर्णय से ब्रेक लग गया। इन सबके बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव का दिल मुस्लिमों पर आ गया है। इस वर्ष नवरात्रि और रमजान साथ-साथ शुरू है, लेकिन इन मुख्यमंत्रियों को रमजान कि चिंता अधिक हुई और उन्होंने इस्लाम लुभावन निर्णय लागू कर दिया, जिस पर प्रश्न उठ रहे हैं।

वैसे, इतिहास रहा है कि मुसलमानों को रिझाने के लिए सरकारों में होड़ रही है। इसी कड़ी में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का नाम भी है, नवरात्रि के पवित्र दिनों की पूजा को भूलकर मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और के.चंद्रशेखर राव ने रमजान की रट लगा ली है। इन मुख्यमंत्रियों ने एक नया सर्कुलर जारी करके सरकारी कर्मचारी, शिक्षक और ठेके पर काम करनेवाले मजदूरों को रमजान के महीने में एक घंटा पहले घर जाने की अनुमति दे दी है। यह आदेश 3 अप्रैल से 2 मई तक प्रभावी रहेगा।

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मुस्लिम तुष्टिकरण क्यों?
आंध्र प्रदेश – मुसलमानों को रिझाने के लिए जगनमोहन रेड्डी नए-नए फरमान जारी करते रहे हैं। इसका मूल कारण जानने के लिए राज्य में मुस्लिमों की जनसंख्या को समझना आवश्यक है। आंध्र प्रदेश के 6 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक मुसलमानों की जमसंख्या है। 2011 की जनगणना के अनुसार गुंटूर, नेल्लोर, कडप्पा, कुर्नूल, अनंतपुर, कृष्णा, प्रकाशम और चितौर जिलों में मुस्लिम जनसंख्या 10 प्रतंशत है, इसके अलावा रायलसीमा की 13 विधानसभा सीटों में मुस्लिम जनसंख्या 25 प्रतिशत तक है।

तेलंगाना – राज्य में 2011 की जनगणना के अनुसार 12.7 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिमों की है। जिसमें हैदराबाद में 43 प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिमों की है। इसके अलावा आदिलाबाद में 12.58, कामरेड्डी में 10.22, महबूबनगर में 10.23, निर्मल 14.04, निजामाबाद में 18.52, रंगारेड्डी में 13.62, विकराबाद में 12.94, वारंगल अर्बन में 10.77, संगारेड्डी में 16.15 प्रतिशत है। वैसे राज्य में सभी जिलों में मुस्लिम जनसंख्या है।

दिल्ली ने भी चला था मुस्लिम कार्ड
दिल्ली जलबोर्ड ने अपने मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के दौरान हर दिन 2 घंटे की छुट्टी देने की घोषणा की थी। इसके लिए सर्कुलर जारी हो गया था लेकिन, केजरीवाल को इसे वापस लेना पड़ा। मुस्लिमों को रिझाने के लिए कई राज्य सरकार मनमाना फैसला ले रही हैं। लेकिन हिंदुओं के त्यौहारों पर उनकी खामोशी बनी रहती है।

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