राष्ट्रवादी पार्टी के नेता शरद पवार के घर पर उग्र आंदोलन के प्रकरण में एसटी कर्मचारी यूनियन के नेता अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते समेत 109 कर्मचारी और परिवारजनों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी लोगों को किला कोर्ट सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जहां तीन पक्षों की लंबी जिरह के बाद न्यायालय ने अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। गुणरत्न सदावर्ते को 11 अप्रैल 2022 तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। जबकि उनके साथ इस प्रकरण में आरोपी 109 लोगों को न्यायानयीन हिरासत में भेजा गया है।
शुक्रवार दोपहर को शरद पवार के निवास सिल्वर ओक पर लोगों की भीड़ ने उग्र आंदोलन किया था। इसमें लोगों ने घर के बाहर चप्पल और पत्थर भी फेंके थे। इस प्रकरण को लेकर राजनीति गरमा गई है। जबकि राज्य परिवहन मंडल (एसटी) के कर्मचारी और परिजनों समेत 109 लोगों को इस प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है। इसमें एसटी कर्मचारी यूनियन की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत हो रहे और न्याय मांग रहे अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते का भी समावेश है।
इस प्रकरण में सरकारी पक्ष के अलावा अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते के अधिवक्ता महेश वासवानी और यूनियन के अधिवक्ता थे। तीनों पक्षों की दोपहर से लंबी जिरह न्यायालय में हुई। जिसके बाद गुणरत्न सदावर्ते को 11 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। जबकि आंदोलनकर्ता कर्मियों को न्यायालयीन हिरासत में भेजा गया।
रात बीती लॉकअप में
एसटी यूनियन के नेता गुणरत्न सदावर्ते को शुक्रवार रात को ही गांवदेवी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद उन्हें जे.जे अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ले जाया गया। जहां तीन घंटे तक परीक्षण हुआ, इसके बाद पूरी रात लॉकअप में बीती। इस बीच सदावर्ते की पत्नी अधिवक्ता जयश्री पाटील ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के विरोध में शिकायत की है। उन्होंनें आशंका व्यक्त की है कि, सदावर्ते परिवार की जान को खतरा है।
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ये हैं आरोप
गुणरत्न सदावर्ते के विरुद्ध 13 भारतीय दंड विधान की धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। जिसमें धारा 107, 120-B, 142, 143, 145, 147, 149, 353, 332, 333, 448,452, 37 का समावेश है।