राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार के घर पर हमले को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। महाराष्ट्र सरकार ने शरद पवार के आवास सिल्वर ओक पर हुए हमले की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है। मुंबई पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे- पाटील की अध्यक्षता में गठित समिति मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील को सौंपेगी।
शरद पवार के घर के सामने हुआ आंदोलन
8 अप्रैल को एसटी कर्मचारियों ने मुंबई स्थित पवार के सिल्वर ओक आवास के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान उग्र भीड़ ने पवार के घर पर पथराव किया और चप्पलें फेंकी। माना जा रहा है कि शरद पवार के घर के सामने हुआ आंदोलन पूर्व नियोजित था। पत्रकारों को पहले सूचना मिली थी, लेकिन खुफिया पुलिस को जानकारी नहीं मिल सकी। इससे पुलिस के खुफिया तंत्र पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई
इसके बाद इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील, मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे, पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे- पाटील और अन्य अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक में ही सभी मुद्दों पर चर्चा करने के बाद एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था।
एसटी कर्मचारियों को किया गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में वकील गुणरत्न सदावर्ते और 110 अन्य एसटी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। गुणरत्न सदावर्ते को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अन्य कर्मचारियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने शरद पवार, सुप्रिया सुले व पवार परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है। सुरक्षा की जिम्मेदारी मुंबई पुलिस के पीएसयू पर होगी। मुंबई पुलिस का एक वाहन और दो अधिकारी उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे।