खरगोन दंगा: कोमा से निकला शिवम, जघन्य हिंसा का वह खेल आया सामने

रामनवमी के अवसर पर देश के कई प्रांतों में शोभायात्राओं पर हिंसक हमले हुए। खरगोन में हुआ दंगा इसी हिंसा का एक हिस्सा था।

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जीवन मरण के बीच झूल रहा शिवम अब चेतना में लौट आया है। परंतु, परिस्थिति अभी भी अति गंभीर है। वह खरगोन में रामनवमी शोभायात्रा में सपरिवर शामिल था और दंगाइयों के हमले का शिकार हुआ है।

इंदौर के अस्पताल में इलाज करा रहे नाबालिग शिवम शुक्ला पर दंगाई भीड़ ने हमला किया था। जिसमें उसके सिर में गंभीर चोटें आई थीं। अस्पताल में भर्ती कराने के समय से ही शिवम कोमा में था। परंतु,अब औषधियों का सकारात्मक प्रभाव उस पर दिखने लगा है। उसकी चेतना लौटी है लेकिन, मुंह अभी भी अनबोल हैं।

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दंगाइयों ने खेला तांडव
शिवम शुक्ला के संबंधी मंथन जोशी ने एक अंग्रेजी समाचार माध्यम से बात करते हुए बताया कि, रामनवमी के दिन खरगोन में 150 से अधिक दंगाइयों ने पेट्रोल बम फेंके, पथराव किया और गोलियां भी दागी थीं। यह सुनियोजित दंगा था। हमारी मां अभी भी झटके में है। हमें अभी भी डर लगता है और रात में सो नहीं पाते हैं।

इंजीनियरिंग का छात्र है शिवम
16 वर्षीय शिवम शुक्ला खरगोन में पॉलिटेक्निक कॉलेज का छात्र है। रामनवमी के दिन परिवार के साथ वह शोभायात्रा में सम्मिलित था। दंगाइयों का हमला होने के बाद उसे इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

रामनवमी शोभायात्रा पर हुआ था हमला
शोभायात्रा के शुरू होते ही, दंगाइयों ने पथराव शुरू कर दिया था। इसमें एसपी सिद्धार्थ चौधरी को गोली लगी थी। इसके अलावा एक पुलिस इंस्पेक्टर भी घायल हुआ है। दंगाइयों के निशाने पर शोभायात्रा में शामिल लोग हुए, जिसमें शिवम शुक्ला भी है।

144 दंगाई गिरफ्तार
खरगोन दंगा प्रकरण में 41 प्रकरण दर्ज किये गए हैं। जिसके अंतर्गत 144 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने दंगाइयों के अवैध घरों और प्रतिष्ठानों को बुलडोजर से सपाट कर दिया है।

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