शिवसेना प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने 17 अप्रैल को आरोप लगाया कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है। इसी वजह से रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर महाराष्ट्र के “नए ओवेसी” ने माहौल बिगाडऩे का प्रयास किया गया। राऊत ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे का जिक्र किए बिना कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने राज्य के नए ओवैसी के दंगा फैलाने का प्रयास विफल कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर किया गया हमला प्रायोजित था।
अशांति फैलाने का प्रयास
सांसद राऊत ने 17 अप्रैल को पत्रकारों से कहा कि देश में इससे पहले कभी भी रामनवमी तथा हनुमान जयंती के मौके पर अशांति फैलाने का प्रयास नहीं किया गया था। उन्होंने भाजपा का जिक्र किए बिना कहा कि चुनाव जीतने के लिए एक पार्टी इस तरह का प्रयास कर रही है। उस पार्टी के पास अब राममंदिर, उरी जैसे विषय नहीं रहे हैं, इसलिए अब भगवान राम तथा भगवान हनुमान का सहारा लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के चुनाव में ओवैसी को लाकर जिस तरह की रणनीति बनाई गई थी, उसी तरह की रणनीति महाराष्ट्र में भी रची जा रही है। दिल्ली में 16 अप्रैल को हुई घटना के बारे में प्रधानमंत्री क्यों चुप हैं। उन्हें आम जनता से शांति की अपील करनी चाहिए तथा मन की बात में इस पर बात करनी चाहिए।
ये भी पढ़ें – ऋषिकेशः लक्ष्मण झूला पुल अनिश्चितकाल के लिए बंद, यह है कारण
राष्ट्रपति शासन लगाने की ऐसी साजिश
शिवसेना नेता राऊत ने कहा कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के मुद्दे पर सरकार को निवेदन दिया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए थी, लेकिन किसी पक्ष विशेष के इशारे पर इस मुद्दे पर आम जनता को भड़का कर सड़कों पर उतार दिया। इनका प्रयास इस मुद्दे पर राज्य में दंगा भडकाना था। महाराष्ट्र में दंगा भड़कने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची गई थी, लेकिन महाराष्ट्र पुलिस ने इस साजिश को विफल कर दिया है। आगे भी इस तरह के प्रयास को विफल किया जाता रहेगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सिर्फ विकास कार्यों को महत्व दे रहे हैं, इसलिए विपक्ष की रणनीति फ्लाप साबित हो रही है।