जम्मू के उधमपुर जिले के प्रानकोट में 17 अप्रैल 1998 को एक कश्मीरी हिंदू परिवार के 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। मृतकों में 11 बच्चे भी शामिल थे। इस नरसंहार के बाद बड़े पैमाने पर हिंदुओं ने पलायन किया था। बताया जाता है कि इस घटना के बाद पौनी और रियासी के 1000 हिंदुओं ने पलायन किया था।
अंकुर शर्मा ने किया ट्वीट
इक्कजुट जम्मू पार्टी प्रमुख अंकुर शर्मा ने उस दिल दहला देने वाले नरसंहार को याद करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लगातार हिंदुओं के नरसंहार के लिए केंद्र की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं और सिखों की सामूहिक हत्या को नरसंहार घोषित करने से इनकार कर दिया। इसका कारण उन्होंने सरकारों की तुष्टीकरण की नीति को बताया है। शर्मा ने दावा किया है कि हिंदू नरसंहार आज भी बेरोकटोक जारी है। इसके अंतिम शिकार कुलगाम के सतीश सिंह हुए थे।
17.04.1998: 26 Hindus beheaded in Prankote (Reasi;Jammu) by Jihadists.
State of India refused to notify Hindu/Sikh cleansing in J&K officially as “Genocide”.
Reason: Muslim Veto; They didn’t allow.
Effect: Hindu Genocide is on & unabated.
Last Victim: Satish Singh (Kulgam) pic.twitter.com/iSdeqOA7AX
— Ankur Sharma (@AnkurSharma_Adv) April 17, 2022
द कश्मीर फाइल्स फिल्म के बाद एक बार फिर कश्मीरी पंडितों के साथ की गई बर्बरता पर चर्चा गरम है। उनके जख्म एक बार फिर हरे हो गए हैं। कश्मीर के साथ ही जम्मू में भी इस तरह की कई घटनाएं घटीं। इस प्रदेश( अब केंद्र शासित) में आतंकियों द्वारा निर्दोष लोगों के नरसंहार का सिलसिला 1990 से शुरू हुआ। 1993 में डोडा जिले में 17 हिंदू यात्रियों की बस से उतारकर हत्या कर दी गई थी। तब से यह सिलसिला जारी रहने का दावा अंकुर शर्मा ने किया है।
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