उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल की रात हुई हिंसा मामले की जांच में जुटी पुलिस ने दंगे के दो अहम किरदार का खुलासा किया है। इन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। इसमें से एक पर शोभायात्रा के दौरान कहासुनी करते हुए पथराव की शुरूआत करने का आरोप है तो दूसरे पर दंगे के दौरान गोली चलाने का आरोप है।
वहीं हैरानी वाली बात है कि दोनों का ही आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। यह खुलासा भी मामले की जांच के दौरान हुआ। वहीं जांच के दौरान जो एक महत्वपूर्ण बात सामने आई, वह यह कि जहांगीरपुरी इलाके का वर्ष-2020 में राजधानी में हुए दंगे से भी कनेक्शन रहा है।
पहला आरोपित: अंसार
जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 14 संदिग्धों में से एक अंसार को इस सांप्रदायिक झड़प का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि स्थानीय अंसार ने कथित तौर पर अपराध की साजिश रची थी। पुलिस अंसार से पूछताछ कर रही है। साथ ही उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच भी कर रहे हैं, क्योंकि यह अभीतक की जांच का मुख्य संदिग्ध है।
पूछताछ जारी
मामले की जांच में जुटी पुलिस के मुताबिक दो शोभा यात्रा गुजर चुके थे और यह तीसरा था, जिसे अंसार और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर रोका था और लोगों को उकसाया और पथराव करने का सूत्रधार भी था। अंसार इस घटना की अगुवाई कर रहा था। उससे पूछताछ कर अब यह पता लगाया जा रहा है कि उसके पीछे कोई और तो नहीं है।
दूसरा आरोपित: असलम
वहीं जहांगीरपुरी हिंसा मामले के मास्टरमाइंड के रूप में दूसरे किरदार के रूप में शोभायात्रा पर फायरिंग के आरोपित असलम उर्फ खोडू उर्फ असलम अली की पहचान की गई है। पुलिस की मानें तो असलम सीडी पार्क के पास का रहने वाला है और इसने ही गोली चलाई थी। उसके पास से वारदात के दौरान इस्तेमाल की गई एक पिस्टल बरामद हुई है।
दोनों हैं आदतन अपराधी
मामले की जांच में जुटी पुलिस यह पता करने का प्रयास कर रही है कि इसने आखिरकार क्यों गोली चलाई ? क्या इसके पीछे भी कोई कहानी तो नहीं है ? असकी जांच के लिए इससे लगातार सघन पूछताछ की जा रही है। खासबात यह है कि उसके खिलाफ जहांगीरपुरी थाना में 2020 के एक मामले में आईपीसी की धारा 324/188/506/34 के तहत भी केस दर्ज किया गया था। पुलिस की मानें तो यह आरोपी आदतन अपराधी है।
जहांगीरपुरी का रहा है 2020 दंगे से भी कनेक्शन
जहांगीरपुरी में जिस कुशल चौक, सी ब्लॉक में हनुमान जयंती की शोभा यात्रा के दौरान हिंसा हुई, उसका कनेक्शन साल-2020 में दिल्ली में हुए दंगों से भी रहा है। ये खुलासा साल 2020 के दंगों की जांच के दौरान हुआ था। जिसकी रिपोर्ट पुलिस ने तैयार की थी।
दिल्ली पुलिस ने 2020 दंगों को लेकर तैयार रिपोर्ट में यह खुलासा किया था कि सीएए/एनआरसी हिंसा के दौरान कुशल चौक से कुछ संदिग्ध लोगों को, महिलाओं, बच्चों और पुरुषों के साथ शाहीन बाग प्रोटेस्ट में शामिल करने के लिए बसों में भरकर लाया गया, जिसकी संख्या सैकड़ों में बताई गई थी।
एफआईआर के हैं मुख्य बिंदु:
—शाम 6 बजे शोभा यात्रा जहांगीरपुरी के जामा मस्जिद पहुंची।
—अंसार नाम का आदमी 4-5 साथियों के साथ पहुंचा।
—अंसार ने शोभा यात्रा में शामिल लोगों से बहस की।
—झगड़ा बढ़ा और पत्थरबाजी शुरू हो गई।
—हिंसा काबू करने के लिए 40-50 आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
—भीड़ की तरफ से फायरिंग भी की गई।
—गोली लगने से एसआई मेदालाल जख्मी हो गए।
—फायरिंग, पथराव कर सांप्रदायिक दंगा किया गया।
15 और संदिग्धों से हो रही है पूछताछ
वहीं मामले की जांच में जुटी पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से हुई पूछताछ और वीडियो फुटेज के आधार पर भीड़ के बीच दिखाई दिए जाने वाले अन्य 15 संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा पुलिस टीमें कुछ अन्य संदिग्धों की तलाश में संभावित स्थानों पर छापेमारी भी कर रही हैं।
उधर पूछताछ की जद में आने वाले 15 संदिग्धों में से कुछ अन्य के भी गिरफ्तार होने की संभावना है। पुलिस का कहना है कि जैसे ही इनसे संबंधित साक्ष्य पुलिस के हाथ लगेंगे, वैसे ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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