चीन के चंगुल में पाक!

पाकिस्तान के स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और वित्त मंत्रालय के मुताबिक सऊदी को एक बिलियन डॉलर जल्द ही लौटा दिया जाएगा। बाकी बचा एक बिलियन डॉलर 2021 में जनवरी में लौटाने का समय निश्चित किया गया है।

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कंगाल पाकिस्तान की सच्चाई एक बार फिर दुनिया के सामने आ गई है। उसने एक बार फिर अपने सदाबहार दोस्त चीन से 1.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 11 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इस कर्ज से सऊदी अरब से लिए गए 2 बिलियन डॉलर यानी करीब 14 हजार करोड़ रुपए के बकाए की आधी रकम वह वापस करेगा। पाकिस्तान के स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और वित्त मंत्रालय के मुताबिक सऊदी को एक बिलियन डॉलर जल्द ही लौटा दिया जाएगा। बाकी बचा एक बिलियन डॉलर 2021 में जनवरी में लौटाने का समय निश्चित किया गया है। 2020 में कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान ने चीन से दूसरी बार कर्ज लिया है। कंगाल पाकिस्तान धीरे-धीरे पूरी तरह चालबाज चीन की चंगुल में फंसता चला जा रहा है।

ब्याज समेत वसूलेगा चीन
इससे पहले सितंबर महीने में उसने चीन से कर्ज लेकर सऊदी अरब को वापस किया था। चीन ने यह रकम करंसी स्वैप एग्रीमेंट के तहत दी है। पाकिस्तान और चीन ने द्विपक्षीय ट्रेड और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए 2011 में यह समझौता किया था। इसके तहत लिए गए पैसे को विदेशी कर्ज नहीं माना जाएगा। लेकिन पाकिस्तान को यह रकम ब्याज  समेत वापस करनी होगी।

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सऊदी इसलिए हुआ पाकिस्तान से नाराज
पाकिस्तान और सऊदी अरब के संबंधों में पिछले कुछ महीनों में खटास आ गया है। इसकी शुरुआत तब हुई, जब पाकिस्तान ने सऊदी अरब से कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने को कहा था। लेकिन सऊदी ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया था। इससे नाराज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने उसकी कड़ी आलोचना की थी। इससे नाराज सऊदी अरब ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया था। उसने अपना कर्ज लौटाने के लिए पाक पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया था।

पाक ने की संबंध सुधाारने की कोशिश
इसके बाद पाकिस्तान ने सऊदी से अपने संबंध सुधारने की काफी कोशिश की थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी  के साथ ही सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी सऊदी दौरे पर गए थे, लेकिन सऊदी की नाराजगी कम नहीं हुई।

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दिवालिया होने की राह पर था पाकिस्तान
वर्ष 2019 में पाकिस्तान दिवालिया होने की राह पर था। आईएमएफ और एशियन डेवलपमेंट बैंक लोन देने को तैयार थे लेकिन शर्तें सख्त होने से इमरान खान ने सऊदी अरब के सामने हाथ पसारा। सऊदी ने पाकिस्तान के लिए 6.2 अरब डॉलर लोन की मंजूरी दे दी। इसमें 3 अरब डॉलर पर साधारण कर्ज था, जबकि 3.2 अरब डॉलर पेट्रोल और डीजल क्रेडिट था। पाकिस्तान को यह कर्ज एक साल में लौटाना था, लेकिन अबतक वह सिर्फ दो किश्त ही चुका पाया है।

कोरोना के कारण सऊदी की आय प्रभावित
कहा ज रहा है कि कोरोना महामारी के कारण सऊदी से ऑयल सप्लाई की मांग होने से सऊदी की आय पर बहुत बुरा असर पड़ा है। इस वर्ष सितंबर में दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी सऊदी अरामको के लाभ में 72 फीसदी कमी आई है। इसके बाद सऊदी ने पाकिस्तान को फ्यूल सप्लाई पर रोक लगा दी है। सऊदी ने पाकिस्तान को स्पष्ट रुप से कह दिया है कि जब तक वो कर्ज नहीं चुाकाता, तब तक फ्यूल सप्लाई शुरू नहीं होगा। दूसरी तरफ कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान की तिजोरी खाली है। इस हालत में चीन उसकी मदद कर रहा है।

खास बातें

  • तीन महीने में पाकिस्तान ने चीन से दूसरी बार लिया लोन
  • दोनों देशों के संबंध 60 साल पुराने
  • सैन्य सहयोग के साथ ही धर्म को लेकर भी समझौते हैं।
  • 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद भारत से सऊदी की दोस्ती बढ़ी, पाकिस्तान के साथ संबंध बिगड़ गए
  • अगस्त 2019 में सऊदी प्रिंस सलमान पाकिस्तान दौरे पर गए, 20 अरब डॉलर के समझौते हुए लेकिन फिलहाल ठंडे बस्ते में है।
  • पाकिस्तान की दोस्ती तुर्की, मलेशिया और चीन से बढ़ने के बाद सऊदी ने शिंकजा कसना शुरू कर दिया।
  • सऊदी अरब के साथ ही यूएई ने भी पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। नये वर्क वीजा देने पर पाबंदी लगा दी है।
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