मोदी काल में अति दारिद्र्यता से उबरे लोग, विश्व बैंक ने बताया कितने टके में गिरी गरीबी?

दरिद्रता मे रहनेवालों की स्थिति का अध्ययन विश्व बैंक और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड जैसी एजेंसियां करती रही हैं। जिसमें भारत के लिए सुखद सूचना है।

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विश्व बैंक का अध्ययन पत्र सामने आया है, जिसके अनुसार भारत में अति दारिद्र्यता कम हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति अधिक सुधरी है। जिस कालखंड को अध्ययन पत्र में शामिल किया है वह, यूपीए और एनडीए दोनों ही सरकारों का कालखंड है। जिसके अनुसार मोदी सरकार के काल में दारिद्र्यता सुधार की गति तीव्र हुई है।

अध्ययन पत्र के अनुसार वर्ष 2011 से 2019 के बीच दारिद्र्यता 12 प्रतिशत कम हुई है। यह दूसरा अध्ययन पत्र है, जो भारत में दारिद्रता के आंकड़े में कमी बता रहा है। इसके पहले इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड द्वारा प्रस्तुत अध्ययन पत्र में इसका उल्लेख किया गया था।

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गरीबी हेडकाउंट दर की बात करें तो 2011 के 22.5 प्रतिशत के स्थान पर यह गिरकर 2019 में 10.2 प्रतिशत पर आ गया है। इसमें दरिद्रता उन्मूलन सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्र में हुआ है। इस अध्ययन पत्र का शीर्षक था, ‘पावर्टी हैज़ डिक्लाइन्ड ऑवर द लास्ट डिकेड बट नॉट ऐज मच ऐज प्रीवियसली थॉट’ (Poverty has Declined over the last decade But Not As Much As Previously Thought).

ग्रामीण क्षेत्र में दरिद्रता निवारण वर्ष 2011 में 11.6 प्रतिशत से गिरी थी, जो वर्ष 2019 में 26.3 प्रतिशत की दर से गिरी है। जबकि, शहरी क्षेत्र में वर्ष 2011 में 6.3 प्रतिशत की दर से गिरी थी, जो वर्ष 2019 में 14.2 प्रतिशत की दर से गिरी है।

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