60 वार्डों वाले गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) चुनाव के लिए आगामी 22 अप्रैल को मतदान होने वाला है। राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा जहां सभी वार्डों में जीत का दावा कर रही है, वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (अगप) भी सभी वार्डों में गठबंधन की जीत को लेकर आश्वस्त है। दूसरी ओर कांग्रेस, एआईयूडीएफ और आम आदमी पार्टी (आप) भी चुनाव प्रचार में पूरा जोर लगा रही हैं।
युद्ध स्तर पर भाजपा का चुनाव प्रचार
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा भाजपा की जीत के लिए जमकर प्रचार कर रहे हैं। डॉ. सरमा ने 18 अप्रैल को भी गुवाहाटी के चार प्रमुख क्षेत्र गाड़ीगांव, खानापारा, लालगणेश और ज्योतिनगर में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने 17 अप्रैल को भी चार प्रमुख क्षेत्र नारंगी, चांदमारी, गांधी बस्ती और गणेशपारा में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने का आह्वान किया था।
राज्य के विकास के लिए निरंतर कार्य
चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार गुवाहाटी समेत पूरे राज्य के समान विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी सिर्फ पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार ही नहीं है, बल्कि दक्षिण एशिया का द्वार के रूप में अपना स्थान बनाने में सफल हुआ है।
पेश किया लेखाजोखा
मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान ओवर ब्रिज, ब्रह्मपुत्र नद पर कई पुलों का निर्माण समेत अन्य नदियों पर पुलों का निर्माण, सड़कों का निर्माण, जरूरतमंदों को आर्थिक राहत मुहैया कराने, शिक्षा, स्वास्थ्य, शांति व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार आदि विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों का लेखा-जोखा जनसभाओं में पेश किया।
भाजपा उम्मीदवारों को विजयी बनाने का आह्वान
उन्होंने गुवाहाटी के तेज विकास के लिए जीएमसी चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों को विजयी बनाने का आह्वान किया। चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री के अलावा अन्य कई मंत्री, प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता लगातार चुनाव प्रचार कर भाजपा की जीत को निश्चित बनाने में जुटे हुए हैं।
विपक्षा ने साधा निशाना
विपक्ष मुख्यमंत्री द्वारा चुनाव प्रचार को लेकर कटाक्ष कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि जीएमसी में अगर भाजपा ने काम किया होता तो मुख्यमंत्री को इस चुनाव में इस स्तर पर चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं उतरना पड़ता। इससे यह पता चलता है कि भाजपा नेतृत्वाधीन जीएमसी में कुछ भी काम नहीं हुआ। इसके चलते मुख्यमंत्री को स्वयं चुनाव प्रचार में ताकत झोंकनी पड़ रही है।