पाकिस्तान से हिंदुस्थान लौटी गीता को आज भी अपने माता-पिता की तलाश है। वह पांच साल पहले पाकिस्तान से लौटी थी। वह 10 साल की उम्र में भटकते हुए पाकिस्तान चली गई थी। लेकिन पांच साल से ज्यादा समय से वह हिंदुस्थान में अपने परिजनों की तलाश में जुटी है, लेकिन वह अब तक अपनी इस मुहिम में सफल नहीं हो पाई है। अब वह अपने परिजनों की तलाश में महाराष्ट्र और तेलंगाना रवान हो गई है।
मूक-बधीर गीता को उसके परिजनों की तलाश में इंदौर स्थित सामाजिक संस्था के ज्ञानेंद्र पुरोहित मदद कर रहे हैं। गीता के साथ संस्था के कुछ सदस्य भी महाराष्ट्र और तेलंगाना के लिए रवाना हो गए हैं। उसके परिजनों के महाराष्ट्र या तेलंगाना में होने की जानकारी मिलने के बाद के बाद वे इन प्रदेशों के लिए निकले हैं।
शादी की जताई थी इच्छा
काफी समय से इंदौर में रह रही गीता ने कुछ दिनों पहले शादी करने की इच्छा जताई थी। लेकिन कई लड़कों को देखने के बाद भी बात आगे नहीं बढ़ी। इस बीच पाकिस्तान से आने के बाद गीता जहां रह रही थी, वहां से उसका मन उचट गया था। उसके बाद नई जगह की तलाश शुरू की गई। फिलहाल वह इंदौर के पुरोहित दंपती ज्ञानेंद्र और मोनिका के साथ रह रही है। ज्ञानेंद्र सांकेतिक भाषा के जानकार हैं।
ये भी पढ़ेंः मीडियाकर्मियों के लिए शर्मनाक!
कैसे पहुंची पाकिस्तान?
10-11 साल की उम्र में गीता भारत-पाकिस्तान की सीमा के पास पाकिस्तानी रेंजर को मिली थी। उसके 10 साल से ज्यादा समय पाकिस्तान में ही गुजरे। मगर अब तक यह रहस्य का खुलासा नहीं हो पाया है कि वह आखिर पाकिस्तान पहुंची कैसे।
हिंदुस्थान की बेटी
हिंदुस्थान लौटने के बाद तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेस में गीता को हिंदुस्थान की बेटी कहकर संबोधित किया था। उन्होंने उसके परिजनों को खोजने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक उसके परिजन उसे नहीं मिल पाए हैं।
इन दंपतियों ने किया गीता को अपनी बेटी होने का दावा
- राजस्थान के गोविंदगढ़ में रहनेवाले अहमद खान
- उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रामराज गौतम और अनारा देवी
- बिहार नालंदा जिले के रामस्वरुप चौधरी और चिंता देवी
- झारखंड जामताड़ा के सोखा किशूक
- बिहार के मोहरपुर के मोहम्मद ईशा
- अहमदनगर के चौधरी दंपती