उज्जैन शहर के वेदनगर क्षेत्र निवासी एक शिक्षिका अपने बेटे एवं मां के साथ पूणे गई थी। वहां से इंदौर की निजी बस में ऑन लाइन टिकट बुक करवाया और यात्रा शुरू की। रास्ते में श्वास लेने में समस्या आने की शिकायत मां-बेटे ने की। साथ ही कंडक्टर को बस रोकने का कहा। बावजूद इसके कंडक्टर ने बस नहीं रूकवाई। मां-बेटे की इंदौर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।
कंडक्टर पर आरोप
जानकारी के अनुसार 18 अप्रैल उज्जैन निवासी दीपिका (38) पत्नी संदीप पटेल अपनी मां और बेटे आदित्यराज के साथ पूणे से इंदौर के लिए निजी यात्री बस अशोक ट्रेवल्स के एसी कोच में ऑन लाइन टिकट बुक करवाकर बैठी। रास्ते में दीपिका एवं आदित्यराज को श्वास लेने में परेशानी हुई। दीपिका की मां के अनुसार खिड़की के पास लगे अग्निशमन यंत्र से गैस लिक होने के कारण दम घुट रहा था। इसके चलते आदित्य को उल्टी हुई, जिसे कंडक्टर ने दीपिका से साफ करवाया। वहीं दीपिका तथा उसकी मां कंडक्टर से मिन्नते करते रहे कि दम घुट रहा है, बस रूकवा दो लेकिन उसने पूरे रास्ते बस नहीं रूकवाई। दीपिका की मां ने अपने बेटे अजीत वर्मा को मोबाइल किया और सारा घटनाक्रम बताया तथा कहाकि कंडक्टर एक नहीं सुन रहा है। अभद्रता भी कर रहा है। बावजूद इसके कंडक्टर ने बस नहीं रोकी।
अस्पताल में मौत
19 अप्रैल की सुबह जब बस इंदौर पहुंची तो दोनों मां-बेटे को तुरंत एक क्लिनिक पर और उसके बाद निजी हॉस्पिटल सुयश में पहुंचवाया गया। यहां उपचार के दौरान पहले आदित्यराज और उसके बाद दीपिका की मौत हो गई। संयोगितागंज थाना पुलिस के अनुसार शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों को सौंपा गया। मर्ग कायम कर जांच में लिया गया है। प्रथमदृष्ट्या दोनों के अलावा बस में किसी अन्य की तबियत खराब नहीं हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी। वहीं बस ड्रायवर एवं कंडक्टर के भी बयान लिए जाएंगे।