मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। प्रदेश में किसी भी स्थिति में शांति भंग नहीं होनी चाहिए। दंगा किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आगामी दिनों में आ रहे त्यौहार निर्विघ्न संपन्न हो, यह हर हालत में सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री चौहान 19 अप्रैल को मंत्रालय में कानून-व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सजग और सतर्क रहने की जरुरत
मुख्यमंत्री ने हनुमान जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों और जुलूसों के बेहतर प्रबंधन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जीवंत समाज में धार्मिक और सामाजिक गतिविधियां होंगी। इनके व्यवस्थित, शांतिपूर्ण समन्यव एवं संचालन का दायित्व जिला प्रशासन का है। हमें सजग और सर्तक रहकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में बेहतर उदाहरण प्रस्तुत करना है। पवित्र संकल्प के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। चिन्हित अपराधियों पर कार्यवाही जारी रहे, संपूर्ण प्रदेश में चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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बीट व्यवस्था को सशक्त करने का निर्देश
उन्होंने कहा कि सुशासन, कानून-व्यवस्था का आधार है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था के लिए थाना स्तर पर फोकस करें। उन्होंने थाना स्तर पर बीट व्यवस्था को सशक्त करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना स्तर पर कॉन्स्टेबल, हेड कांस्टेबल को दायित्व सौंपकर उनकी नेतृत्व क्षमता का उपयोग करते हुए बीट व्यवस्था को सशक्त किया जाए। उन्होंने इंटेलिजेंस व्यवस्था को सशक्त करने की आवश्यकता बताते हुए मजबूत इंटेलिजेंस के लिए कार्य-योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने दंगा, भीड़ नियंत्रण एवं प्रबंधन पर ट्रेंनिंग की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार या अन्य राज्यों के प्रभावी मॉडलों का अध्ययन किया जाए। इस क्षेत्र में आई नई तकनीक को भी प्रदेश में प्रायोगिक तौर पर लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थानों पर सीसीटीवी केमरे लगवाने के लिए संबंधितों को प्रोत्साहित किया जाए। यह अपराध नियंत्रण में सहायक हैं। इनसे असामाजिक तत्वों तथा अन्य गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दंगाई और माफिया छोड़े नहीं जाएंगे। अवैध कब्जों से भूमि मुक्त कराने और अशांति फैलाने वालों के विरूद्ध अभियान जारी रहेगा। इस अभियान में पुलिस और प्रशासन संयुक्त रूप से कार्य करें। माफिया और दबंगों से 21 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराई गई है। मुक्त कराई गई भूमि, गरीबों को आवास के लिए उपलब्ध कराना है। इसकी कार्य-योजना विकसित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी।
उन्होंने शरारती तत्वों तथा अवैध गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों को मदद और संरक्षण देने वाले लोगों को चिन्हित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपराधियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ना आवश्यक है। अवैध शराब पर भी हमें हमला बोलना होगा। कमीशन के नेटवर्क को ध्वस्त करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि थानों तथा मैदानी स्तर पर पर्याप्त अमले की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके लिए मंत्रीगण को दी जाने वाली सलामी बंद की गई थी। इसी प्रकार घरों की गुलामी को बंद किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों के बंगलों पर नियम विरूद्ध पदस्थ अधिक पुलिसकर्मियों को बंगलों से हटाकर थानों में लगाया जाएगा। उनकी सेवाएँ मैदानी स्तर के आवश्यक कार्यों में ली जाएगी।
चौहान ने कहा कि अधिकारी अपने जिले और प्रभार के क्षेत्र में आवश्यक रूप से भ्रमण करें तथा जनता से जीवंत संवाद रखें। जिन अधिकारियों का जनता से सीधा संवाद है और जिनकी प्रभावशीलता जन-सामन्य में अधिक है, उन्हें मैदानी क्षेत्र के दायित्व सौंपे जाएँ। मुख्यमंत्री ने ग्राम तथा नगर रक्षा समितियों को सक्रिय करने एवं उनके पुनर्गठन के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि थानों पर पदस्थ स्टाफ लम्बे समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ न रहे, स्टाफ में नियमित रूप से बदलाव होता रहे।
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