कोरोना वायरस की चौथी लहर की आशंका देश में व्यक्त की जा रही है। पांच राज्यों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दे ही है। इस बीच इस चीनी वाइरस से देश में हाहाकार मचा हुआ है। जहां 31 से अधिक राज्यों में लॉकडाउन है। इसकी तुलना में भारत की स्थिति बहुत अच्छी है, परंतु इस स्थिति को बनाए रखना है तो कोविड-19 दिशानिर्देशों और टीकाकरण का साथ पकड़े रहना होगा। इसके पीछे विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त की जा रही है वह संभावना है, जिसमें उन्होंने इसके जून महीने तक नई लहर शुरू होने की आशंका जताई है।
नई लहर के प्रति सचेत
कोरोना की नई लहर के पीछे एक नया कारण ये भी है कि, यह वाइरस अपना रूप बदलता रहता है। मुंबई में कोरोना वाइरस का नया वैरियंट स्टील्थ बी-2 भी मिल चुका है। परंतु, इसमें राहत की बात ये रही कि, जहां एक ओर दुनिया के देशों के लिए यह वैरियंट परेशानी का कारण बना रहा तो वहीं, मुंबई ने बेहद आसानी से इस वैरियंट पर विजय प्राप्त कर ली है। हालांकि कोरोना वायरस के चौथे वैरियंट को पार पाना मौजूदा सरकार के लिए इतना आसान नहीं होगा। कोरोना को लेकर चिंतित दुनिया के देशों में बीते मार्च में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर ना सिर्फ नई वेव से आगाह कराया बल्कि पूरी तरह तैयार रहने को कहा। केंद्र सरकार की यह चिंता स्वभाविक है। खतरे को भांपते हुए प्रो एक्टिव नेचर वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते सोमवार 17 अप्रैल से मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे सख्त नियम कई दूसरे प्रदेशों में भी लागू किया गया है।
ऐसे रही मायानगर परेशान
बहरहाल, इससे इतर कोरोना पैंडमिक के फ्लैशबैक में जाएं तो मार्च 2020 में मुंबई में पहला कोरोना मरीज मिला था। फिर कोरोना फैला और तब से अब तक इसकी तीन लहरें आ चुकी हैं। दूसरी लहर में डेल्टा वेरियंट की वजह से मुंबई में रोजाना 11,000 से अधिक मरीज सामने आए। वहीं, तीसरी लहर में प्रति दिन अधिकतम 20,000 लोग ओमीक्रोन से संक्रमित पाए गए। हालांकि, कोरोना का ओमीक्रान वाइरस को जितना खतरनाक माना जा रहा था, वह उनता कहर नहीं ढा पाया। इसका कारण ये रहा कि, जनसामान्य लोगों के साथ ही प्रशासन ने कड़ाई बरती।
इसका बड़ा लाभ यह मिला कि, जिसे ओमीक्रान के नए वेरियंट स्टील्थ बी-2 ने यूरोप और चीन सहित कई देशों में कहरा मचा रखा है, उसे मुंबईकर पहले ही हरा चुके हैं।
चौथी लहर कब तक?
हाल ही में मास्क की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है, ऐसे में यह सवाल स्वभाविक है कि, क्या मायानगरी मुंबई को वाकई कोरोना की नई लहर को लेकर चिंतित होने की जरूरत है? दरअसल भारत के शीर्ष शिक्षण संस्थानों में शामिल आईआईटी के शोधकर्ताओं के एक विवादित शोध में दावा किया गया है कि, भारत में जून में कोरोना की नई लहर शुरू होगी जो अगस्त में अपने पीक पर पहुंचेगी।
इन्हें देना होगा ध्यान
वृद्ध और पहले से ही बीमार लोग, जिनके संक्रमित होने की संभावना अधिक रहती है, उनको बेहद सावधान रहना होगा, मुंबई में ऐसी बड़ी युवा आबादी भी है जो डायबिटीज या दिल की बीमारियों से पीड़ित है। इस वर्ग को भी अधिक सावधान रहने की जरूरत है। इन दोनों ही वर्गों को बूस्टर डोज़ लगना चाहिए।
जैसी करनी, वैसी भरनी
कोरोना वाइरस के विषय में कहा जाता है कि, यह चीन के वायरोलॉजी प्रयोगशाला में निर्मित वाइरस है, जिसे षड्यंत्र के अंतर्गत छोड़ा गया है। चीन तीन वर्षों बाद खुद इस वाइरस से बुरी तरह प्रभावित है। इससे निपटने के लिए चीन के 30 से अधिक राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इंटरनेशनल मीडिया में चीन के कम्यूनिस्ट प्रशासन की सख्ती की विचलित करनेवाली तस्वीरें सामने आई हैं। वहां पुलिस जबरन लोगों को उनके घरों से खींचकर क्वारंटीन सेंटरों में डाल रही है।