दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जब मामला सर्व चला सर्वोच्च न्यायालय है तो हमें सुनवाई करने की जरूरत नहीं है।
20 अप्रैल की सुबह वकील शाहरुख आलम ने चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई करने की मांग की थी। तब न्यायालय ने केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा को निर्देश दिया था कि आप दोपहर बाद इस मामले पर सरकार से निर्देश लेकर आइए। हम आगे मौका नहीं देंगे।
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इसलिए नहीं की सुनवाई
दो बजे जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो न्यायालय को बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा चुका है। तब न्यायालय ने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई कर रहा है तो हमें सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई रोक
उल्लेखनीय है कि 20 अप्रैल को ही सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया। सर्वोच्च न्यायालय इस मामले पर 21 अप्रैल को सुनवाई करेगा।