जहांगीरपुरी में 21 अप्रैल को भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे। इसके बावजूद राजनेताओं के वहां पहुंचने से दिनभर सरगर्मी बनी रही। पुलिस कुशल चौक से लेकर मस्जिद तक के दो सौ मीटर रास्ते को बैरिकेड लगाकर उसे पूरी तरह से सील कर दिया था। इसलिए इन राजनेताओं को भी वहां पहुंचने पर लोगों से मिलने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
इलाके में आने-जाने की इजाजत नहीं
इलाके में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच लोग घरों में कैद रहे। किसी को भी बिना अनुमति के इस इलाके में आने-जाने की इजाजत नहीं थी। यहां तक कि मीडिया कर्मियों को पहले सी ब्लॉक जहांगीरपुरी में जाने की अनुमति नहीं दी गई लेकिन बाद में उनके लिए अन्य दो रास्तों का इंतजाम किया गया।
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पुलिस ने काफी गंभीरता से किया हैंडल
अन्य दिनों की तुलना में आज पुलिस के लिए राहत भरा दिन रहा। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस चौकस थी। बड़ी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में पुलिस के आला अधिकारी भी दिन भर जारी घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए रहे। पीसीआर की हर कॉल को पुलिस ने काफी गंभीरता से हैंडल किया। जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगरानी के अलावा कई जिलों के अतिरिक्त उपायुक्त भी हालात पर नजर बनाए हुए थे। विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने भी मौके पर हालात का जाएजा लिया।
जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल
20 अप्रैल को जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने को लेकर हुए बवाल के बाद 21 अप्रैल को माहौल काफी शांत दिखा। बीच बीच में राजनीतिक दलों के नेताओं के आने का सिलसिला जारी रहा। वहां मौजूद पुलिस के आला अधिकारियों की इजाजत के बाद ही नेताओं को लोगों से मिलने की इजाजत दी गई। नेताओं के साथ सीमित संख्यां में लोगों को पुलिस इलाके में आने की अनुमति दे रही थी। कम लोगों को इजाजत देने की वजह से कुछ देर के लिए वहां हलचल देखी गई लेकिन पुलिस कर्मियों ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कर दिया।
मस्जिद और दुकानें बंद
अन्य दिनों की तरह ही 21 अप्रैल को भी दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने इलाके में मार्च किया। दूरबीन के जरिए निगरानी की गई। इस दौरान कुशल चौक से मस्जिद के बीच दुकानें बंद रहीं।