ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत की यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में जॉनसन का भव्य स्वागत किया गया। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तरीय चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इसके बाद समाचार माध्यमों को दोनों देशों के संबंधों में प्रगाढ़ता लाने की दिशा में जानकारी दी। जहां पीएम बोरिस जॉनसन भारत के फार्मामास्यूटिकल उद्योग की प्रशंसा करते हुए बोले कि, मेरे हाथों मे लगा कोविड-19 का टीका भारत का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच यह महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में हुई। इसमें रक्षा क्षेत्र, तकनीकी विकास, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एपटीए), जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, आपसी संबंधो समेत कई अन्य क्षेत्रों में साथ कार्य करने पर चर्चा हुई है।
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अंग्रेज पीएम की स्वीकारोक्ति
भारत के क्रांतिवीरों ने जिन अंग्रेजों से अपनी स्वतंत्रता लड़कर प्राप्त की है, उसका मान आजादी के अमृत महोत्सव यानी 75 वर्षों में इतना बढ़ गया है कि, अंग्रेज प्रधानमंत्री ने भारत की उसी भूमि पर खड़े होकर स्वीकार किया कि, उसके हाथों में लगा कोरोना का टीका भारत में बना है। उन्होंने फार्मा क्षेत्र में भारत कि विकास की सराहना की। इसके अलावा दोनों देशों के प्रतिनिधि मंडल ने व्यापारिक और आपसी हितों पर चर्चा की, जिसमें यूक्रेन में शांति स्थापना की भी चर्चा हुई।
भारत को मिलेगा विशेष निर्यात लाइसेंस
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने बताया कि, वे विशेष रूप से भारत के लिए खुला निर्यात लाइसेंस प्रणाली पर कार्य कर रहे हैं। इससे ब्यूरोक्रैसी का रोल कम हो जाएगा और रक्षा क्षेत्र की आवश्यकताएं समय पर मिल पाएंगी।
स्वतंत्र इंडो पैसिफिक क्षेत्र का समर्थन
बोरिस जॉनसन ने कहा कि, पिछले कुछ समय में एकतंत्री जबरदस्ती बढ़ी है, ऐसी स्थिति में भारत और इंग्लैंड के बीच सहयोग को विकसित करना चाहिए। इससे इंडो पैसिफिक क्षेत्र को खुला और मुक्त रखने में सहायता मिलेगी।
मुक्त व्यापार सहमति दिवाली में
दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (मुक्त व्यापार सहमति) पर कार्य चल रहा है। इस पर दोनों देशों के अधिकारी चर्चा कर रहे हैं। आशा है दिवाली तक इसमें सहमति बनकर हस्ताक्षर हो जाएंगे।