पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित ऐतिहासिक विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के घर का मेन गेट तोड़कर आंदोलनकारी अंदर घुस गए हैं। इससे खौफजदा कुलपति ने राज्यपाल को एसओएस मैसेज भेज कर तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की जिसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। आरोप है कि वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े आंदोलनकारियों ने जानबूझकर ऐसा किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवर्ती की गिरफ्तारी की मांग की थी इसलिए आरोप लग रहे हैं कि संवैधानिक नियमों के विपरीत कुलपति के घर के अंदर आंदोलनकारियों के घुस जाने के बावजूद पुलिस सक्रियता नहीं बरत रही और जानबूझकर उन पर हमले के लायक माहौल बनाया जा रहा है। ताजा विवाद विश्वविद्यालय परिसर में 12वीं के छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से जुड़ा है।
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असीम दास नाम के छात्र की मौत के बाद शुक्रवार को उसके माता-पिता कुलपति के घर के बाहर धरने पर बैठे थे, लेकिन मुलाकात नहीं हुई जिसके बाद छात्र संगठनों ने आंदोलन तेज कर दिया और देर रात कुलपति के घर का मेन गेट तोड़ दिया। इसके बाद विद्युत चक्रवर्ती ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को एसओएस मैसेज भेजा, जिसमें कहा कि हिंसक आंदोलनकारियों ने मेरे घर के मेन गेट को तोड़ दिया है। मेरी जान को खतरा है अगर आप कुछ नहीं करेंगे और तत्काल पुलिस सुरक्षा नहीं मिलेगी तो कुछ भी अप्रिय घटना हो सकती है। यह आपातकाल है।
इसके तुरंत बाद राज्यपाल ने पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय को फोन किया और कुलपति की सुरक्षा तत्काल सुनिश्चित करने की हिदायत दी। इसके तुरंत बाद पुलिस महानिदेशक ने जिला अधिकारी, एसपी और अन्य पुलिस अधिकारियों को फोन कर जल्द से जल्द विद्युत चक्रवर्ती की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। इसके बाद शांति निकेतन थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और आंदोलनकारियों में से कुछ लोगों को हिरासत में लिया जिसके बाद हालात को संभाला जा सका है। अब कुलपति के घर के बाहर प्राइवेट सुरक्षा कर्मियों की भी संख्या बढ़ा दी गई है और पुलिस भी तैनात है।
राज्यपाल ने ट्वीट कर दी पूरी घटना की जानकारी
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के अधिनस्थ इस विश्वविद्यालय में केंद्रीय निर्देशों के अनुसार काम होने की वजह से ममता बनर्जी लगातार नाराज रहती हैं। वह चक्रवर्ती के खिलाफ कई बार टिप्पणी कर चुकी हैं। इसके अलावा वामपंथी छात्र संगठन भी लगातार कुलपति के खिलाफ आंदोलन करते रहे हैं क्योंकि विद्युत चक्रवर्ती उनके मन मुताबिक कार्यक्रमों की अनुमति विश्वविद्यालय परिसर में नहीं देते हैं। अब पिछले तीन दिनों से यहां हालात तनावपूर्ण हैं और लगातार आंदोलन चल रहा है। शनिवार सुबह खबर लिखे जाने के दौरान भी यहां हंगामा जारी है, हालांकि हालात काबू में हैं।