मुंबई में स्थित श्रीषणमुखानंद सभागृह में 24 अप्रैल को मास्टर दीनानाथ प्रतिष्ठान और मंगेशकर परिवार की ओर से लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया गया। दिवंगत गायिका लता मंगेशकर के नाम पर यह पहला पुरस्कार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पुरस्कार को देश जनता को समर्पित किया है।
प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में हृदयनाथ मंगेशकर भी उपस्थित रहने वाले थे लेकिन उनकी तबीयत खराब होने की वजह से वे उपस्थित नहीं हो सकें। मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संगीत क्षेत्र का मुझे ज्यादा ज्ञान नहीं है लेकिन संगीत का महत्व मुझे पता है। संगीत एक स्वर आंखों से आसू निकाल सकता है। संगीत का स्वर वैराग उत्पन्न कर सकता है तथा संगीत का स्वर राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार कर सकता है।
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पुरस्कार मंगेशकर परिवार के प्यार का प्रतीक
देश ने संगीत की शक्ति लता दीदी के रूप में महसूस किया है। लता दीदी से मेरा परिचय 45 साल पुराना है। यह परिचय सुधीर फडके ने करवाया था। लता दीदी स्वरकोकिला के साथ मेरी बड़ी बहन थीं। इस वर्ष आने वाला रक्षाबंधन में वह नहीं होंगी, इसका दुख है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आमतौर पर कोई पुरस्कार स्वीकार नहीं करता। हालांकि, मैं लता दीदी के नाम पर दिए गए पुरस्कार को स्वीकार करने के प्रलोभन का विरोध नहीं कर सका। यह पुरस्कार मंगेशकर परिवार के प्यार का प्रतीक है।
ये रहे उपस्थित
पुरस्कार समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, उद्योग मंत्री सुभाष देसाई और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस सहित पूरा मंगेशकर परिवार उपस्थित था।