कोरोना महामारी से बचाव के लिए अगले एक-दो महीने में भारत में टीकाकरण शुरू किये जाने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच जानकारी मिली है कि देश के ज्यादातर लोग कोरोना का टीका मुफ्त में दिए जाने के पक्षधर हैं, जबकि कुछ फीसदी लोगों का मानना है कि इसके लिए सौ से डेढ़ सौ रुपए लिए जा सकते हैं। ऑनलाइन सर्वे में 70.6 फीसदी लोगों ने टिका लगवाने की इच्छा जताई, जबकि 29.6 फीसदी लोगों ने टीका लगवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
सुरक्षा को लेकर असमंजस
पूरे देश में ऑनलाइन सर्वेक्षण करेनेवाले वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्यूनिटी विभाग के निदेशक प्रोफेसर जुगल किशोर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में ऐसा महसूस किया गया कि लोगों के मन में टीका को लेकर कई तरह की द्विविधा है। वे इसकी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है।
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42 फीसदी लोगों ने माना सुरक्षित
प्रोफेसर जुगल किशोर ने बताया कि जब लोगों से इसकी सुरक्षा को लेकर प्रश्न पूछे गए तो 42 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि यह इंसान के लिए सुरक्षित है, 5.4 प्रतिशत लोगों ने इसे सुरक्षित नही माना। जबकि 54.7 फीसदी लोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अपने बच्चों को कोरोना टीका लगाने के बारे में पूछने पर 63.2 फीसदी लोगों ने ‘हां’ कहा जबकि 6.9 फीसदी लोगों ने ‘ना’ कहा। जबकि 30 फीसदी लोगों ने कोई निश्चित उतर नहीं दिया।
59.3 फीसदी लोगों की राय, मुफ्त में हो टीकाकरण
इस सर्वे में 59.3 फीसदी लोगों ने कहा कि टीकाकरण मुफ्त में किया जाना चाहिए, जबकि 6.2 फीसदी लोगों ने कहा कि मुफ्त में नहीं लगना चाहिए। 34.5 फीसदी लोगों ने कहा कि सिर्फ गरीबों का टीकाकरण मुफ्त में किया जाना चाहिए। इसके साथ ही 36 फीसदी लोगों ने माना कि सर्वप्रथम टीका कोरोना वॉरियर्स को लगाया जाना चाहिए। 8.6 फीसदी लोगें ने बूढ़े और बीमार लोगों को पहले टीकाकरण किए जाने की जरुरत बताई। 50 फीसदी लोगों का मानना था कि बूढ़ों, बीमारों, बच्चों एवं कोरोना वॉरियर्स को सबसे पहले टीका मिलना चाहिए। जो कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो गए हैं, उनमें से मात्र 4.1 फीसदी लोगों ने टीका लगाने की इच्छा जताई, जबकि 94 फीसदी लोगों का मानना था कि उनके लिए यह जरुरी नहीं है।