दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपित शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिकाओं पर 6 मई को एक साथ सुनवाई करने का आदेश दिया।
राजद्रोह कानून की वैधता को चुनौती देने का मामला
न्यायालय ने कहा कि चूंकि राजद्रोह कानून की वैधता को चुनौती देने का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। सर्वोच्च न्यायालय 5 मई को इस पर सुनवाई करनेवाला है। उमर खालिद और शरजील इमाम का केस भी उसी से जुड़ा हुआ है। लिहाजा हम 6 मई को दोनों की अर्जियों पर एक साथ सुनवाई करेंगे।
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कई धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश
11 अप्रैल को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 24 जनवरी को न्यायालय ने इस मामले में शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कड़कड़डूममा कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
मुस्लिम बहुल इलाकों में दुष्प्रचार का मामला
चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी। इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया। यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंपों में रखा जाएगा। शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था।