उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच में जुटी पुलिस टीम ने करीब 300 फुटेज के जरिये अबतक 50 संदिग्धों की पूरी तरह से पहचान कर ली है। इसमें कुछ इलाके में लगे सीसीटीवी में हिंसा के दौरान दिखाई दे रहे हैं, जबकि कुछ मौके पर मौजूद लोगों द्वारा मोबाइल से बनाए गए फुटेज में दिखाई दे रहे हैं।
इतना ही नही, फुटेज के बाद इलाके के लोगों से इनके बारे में जानकारी जुटाए जाने व इनके मोबाइल फोन के लोकेशन की जांच करने पर भी इनके इलाके में होने के सबूत मिले हैं। इस आधार पर पुलिस इन संदिग्धों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।
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करीब 20 के मोबाइल फोन बंद
हालांकि इन संदिग्धों में से करीब 20 के मोबाइल फोन घटना के बाद से ही बंद आ रहे हैं और ये अपने-अपने घरों से फरार भी हैं। इतना ही नहीं इनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी करने पर भी इनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। वहीं अबतक की तफ़्तीश के आधार पर पुलिस ने 30 ऐसे संदिग्ध नंबरों की भी पहचान की है, जिससे घटना के कई राज खुल सकते हैं। ये नंबर अबतक गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नेटवर्क से ही जुड़े बताए जा रहे हैं। इसमें भी खासतौर पर इस मामले के तीन मुख्य तीनों आरोपितों के नेटवर्क से जुड़े बताए गए हैं।
ताबड़तोड़ छापेमारी
सूत्रों के मुताबिक जहांगीरपुरी हिंसा से जुड़े वीडियो, फोटो, सीसीटीवी फुटेज और लोकल इनपुट और संदिग्धों से पूछताछ के आधार में क्राइम ब्रांच अबतक इन संदिग्धों के खिलफ सुराग एकत्र करने के लिए दिल्ली, यूपी, हरियाणा से लेकर पश्चिम बंगाल तक करीब 30 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। दरअसल जांच के दौरान यह पता चला है कि शोभा यात्रा पर पथराव शुरू हुआ और हिंसा की घटनाएं हुईं तो उस समय मौके पर ये संदिग्ध मौजूद थे और इन्होंने हिंसा में भूमिका निभाई थी।
ईडी कर रही है पीएमएलए के तहत कार्रवाई
उधर दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच के लिए पत्र लिखे जाने के बाद मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी गई है। ईडी मुख्य आरोपित अंसार के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई कर रही है।
अंसार की गहन जांच
यह जांच की जा रही है कि अंसार के पास हिंसा के लिए कहीं से फंडिंग तो नहीं आई ? अगर आई तो उसका श्रोत क्या था? और रकम आई तो उसने इसका क्या इस्तेमाल किया ? इस पूरे मनी ट्रेल (रकम जाने-जाने के पूरे रूट) की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस कमिनर राकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर जहांगीरपुरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी अंसार के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा था।
अबतक की कार्रवाई
मामले की जांच में जुटी पुलिस अबतक 29 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि तीन नाबालिगों को बाल सुधार गृह भेजा गया है। वहीं करीब 300 वीडियो फुटेज की जांच कर चुकी है, जबकि 50 की पहचान कर चुकी है। इसमें से कई को तो दबोचा जा चुका है, जबकि कई की तलाश में छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने वीडियो फुटेज के जरिये चिन्हित किए गए संदिग्धों की उनके मोबाइल फोन के लोकेशन के आधार पर भी उनकी उपस्थिति घटनास्थल के आसपास होने की जानकारी भी जुटा चुकी है।