अब मरीजों के उपचार में लापरवाही डॉक्टरों को पड़ेगी भारी, उपभोक्ता संरक्षण कानून पर सर्वोच्च मुहर

बांबे उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मेडिको लीगल एक्शन ग्रुप ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि उपभोक्ता डॉक्टर के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत शिकायत दर्ज नहीं करा सकता है।

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सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि हेल्थकेयर सेवाएं उपभोक्ता संरक्षण कानून के दायरे में आएंगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया है। न्यायालय ने बांबे उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज करते हुए ये आदेश जारी किया है।

डॉक्टर के खिलाफ कर सकते हैं शिकायत
कोर्ट के इस आदेश का मतलब है कि मरीज उपभोक्ता के तौर पर डॉक्टर के खिलाफ शिकायत कर सकता है। बांबे उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मेडिको लीगल एक्शन ग्रुप ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि उपभोक्ता डॉक्टर के खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत शिकायत दर्ज नहीं करा सकता है।

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सर्वोच्च न्यायालय ने क्या कहा?
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि 1986 के कानून को खत्म कर उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 बनाया गया है और सिर्फ कानून को खत्म कर नए कानून बनाए जाने भर से हेल्थ केयर सर्विस, जो डॉक्टर मुहैया कराता है, वह सर्विस की परिभाषा से बाहर नहीं हो सकती है।

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