अफगानिस्तान में एक बार फिर विस्फोट हुआ है। अलविदा जुमे की नमाज के दौरान 30 अप्रैल को काबुल की एक मस्जिद में शक्तिशाली विस्फोट हुआ। इसमें 50 से अधिक लोगों की मौत की खबर है।
गृह मंत्रालय के उप प्रवक्ता बेसमुल्लाह हबीब ने बताया कि राजधानी के पश्चिम में खलीफा साहिब मस्जिद में दोपहर को विस्फोट हुआ। यह विस्फोट उस समय हुआ जब सुन्नी मस्जिद में नमाज के बाद नमाज पढ़ने वाले जिक्र नामक एक मण्डली के लिए इकट्ठा हुए थे।
आत्मघाती हमला
मस्जिद के मुखिया सैयद फाजिल आगा के अनुसार जिस व्यक्ति को वे आत्मघाती हमलावर मानते हैं, उसने समारोह में होने के दौरान खुद को विस्फोटकों समेत उड़ा लिया। उन्होंने बताया कि हमले के बाद चारों तरफ काला धुंआ फैल गया। चारों तरफ शव के चिथड़े बिखरे हुए थे। उन्होंने बताया कि मृतकों में उनके भतीजे भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे खुद बच गए, लेकिन अपने प्रियजनों को खो दिया।
66 लोगों के शव बरामद
निवासी मोहम्मद साबिर ने बताया कि उन्होंने घायल लोगों को एम्बुलेंस में लादते देखा है। उन्होंने बताया कि विस्फोट बहुत तेज था, मुझे लगा कि मेरे कान के पर्दे फट गए हैं। एक स्वास्थ्य सूत्र ने कहा कि अस्पतालों को अब तक 66 शव और 78 घायल लोग मिल चुके हैं।
सुन्नी मुसलमानों को बनाया निशाना
यह मस्जिद अफगानिस्तान के बहुसंख्यक सुन्नी मुसलमानों की है। अफगानिस्तान में हाल में कई विस्फोट हुए हैं और मस्जिदों पर इसी तरह के हमलों में देश के अल्पसंख्यक शिया मुसलमानों को निशाना बनाया गया है।पिछले हफ्ते, मजार-ए-शरीफ शहर में एक मस्जिद और एक धार्मिक स्कूल में बम विस्फोट होने से 33 शिया लोगों की मौत हो गई थी। आईएस ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी।