बिहार के बक्सर शहर में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। आलम यह है कि बिहार के अन्य शहरों के मुकाबले वायु प्रदूषण के मामले में बक्सर दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों को पछाड़ चुका है। बीते कुछ दिनों से बक्सर एयर क्वालिटी इंडेक्स 332 रिकार्ड स्तर पर है, जबकि राजस्थान की राजधानी जयपुर 220 एक्यूआई और दिल्ली 209 के साथ वायु प्रदूषण के मामले में कदमताल कर रहा है। बिहार की बात करें तो मुंगेर 306, पटना 323, दानापुर 316, मुजफ्फरपुर 273, समस्तीपुर 289, दरभंगा 286, मोतिहारी 269, आरा 273 समेत बिहार के अन्य जिले भी वायु प्रदूषण एक्यूआई के मामले में 200 पार की स्थिति दर्ज करा रहे है। गत वर्ष भी जून-जुलाई के महीने में ऐसी स्थिति बक्सर की बनी थी जो बक्सर में मानसून के सक्रिय होने के बाद काबू में आया।
पटना – बक्सर फोर लेन सड़क को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बक्सर के सीमावर्ती क्षेत्र के 30 हजार पेड़ काट डाले गये। इस बाबत पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोगों द्वारा हायतौबा मचाने के बाद जिला प्रशासन और वन विभाग के द्वारा महज पांच हजार पौधे ही लगाये गये। अब जबकि स्थिति दमघोंटू बन गई है, तो बक्सर जिलाधिकारी की पहल पर जिले में जगहों का चयन और पेड़ लगा कर वन क्षेत्र बनाने की तैयारी है। प्यास लगी तो चलो कुंआ खोदा जाए, बक्सर जिला प्रशासन के अधिकारी भी यह मान रहे हैं कि जिले में कूड़ा डंपिंग जोन के समुचित जगह उपलब्ध ना होने के साथ ही बक्सर और डुमरांव नगर परिषदों द्वारा यत्रतत्र शहरों से निकलने वाले प्रतिदिन तीस टन कूड़े को गंगा के तट से लेकर नहर के किनारे गिराए जाने से वायु के साथ साथ जल भी प्रदूषित हो रहा है।
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प्रखंड में सात एकड़ भूमि की तलाश जारी
बक्सर जिलाधिकारी की माने तो बक्सर के नावानगर प्रखंड में सात एकड़ भूमि की तलाश की जा रही है, जिसे वनक्षेत्र में विकसित कर जिले के जहरीले बन चुके वायु प्रदूषणों को कुछ कम करने का प्रयास किया जाएगा। बक्सर जिलाधिकारी बिगड़ते हालात में वायु प्रदूषण को लेकर सड़कों के किनारे से धुल कण हटाने एवं घनी आबादी के बीच सड़कों के किनारे नियमित टैंकर के माध्यम से सुबह –शाम जल छिड़काव करने की व्यवस्था करने का एक आदेश निर्गत किया है।
रोगियों की संख्या में रिकार्ड बढ़ोतरी
उल्लेखनीय है कि इन दिनों शहर में सास संबंधित बीमारियों से ग्रसित रोगियों की संख्या में रिकार्ड बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इस बाबत शहर के प्रसिद्ध चिकित्सकों ने भी सड़कों पर निकलने से पहले मास्क लगाना अनिवार्य बता रहे हैं। विशेषकर इस्नोफिलिया के मरीजों के लिए। बक्सर सदर अस्पताल के चिकित्सक भी आम जनमानस को सुबह शाम स्वच्छ जल से हाथ पैर धोने और कुछ देर खुली हवा में तेज गति से सांस लेने की सलाह दे रहे हैं।
अब जागा प्रशासन
वर्ष 2020- 21 के दौरान जिले में मनरेगा के माध्यम से तीन लाख पौधे लगाये गये थे, पर उचित देख रेख के अभाव में आधे से अधिक पौधे समय से पूर्व ही मुरझा गये। वायु प्रदूषण को लेकर देर से ही सही पर सचेत हुआ जिला प्रशासन अगर अपनी कार्य योजना को अमली जामा पहना देता है तो यह जिले वासियों के लिए सुकून की बात होगी।