श्रीलंका में फंसे 19 श्रमिक दाने-दाने को मोहताज, सोशल मीडिया पर भारत सरकार से लगाई ये गुहार

गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में झारखंड के श्रमिक फंसे हुए हैं। इन्हें ज्यादा मेहनताना देने का वायदा कर कंपनियों की तरफ से वहां भेजा गया था।

129

मलेशिया से राज्य के विभिन्न हिस्सों के रहने वाले श्रमिकों की देश वापसी की जारी प्रक्रिया के बीच अब श्रीलंका में फंसे राज्य के 19 श्रमिकों ने भी सुरक्षित देश वापसी की गुहार लगायी है। ये सभी राज्य के गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद जिलों के रहने वाले हैं।

गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है श्रीलंका
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में झारखंड के श्रमिक भी फंसे हुए हैं, जिन्हें ज्यादा मेहनताना देने का वायदा कर कंपनियों की तरफ से वहां भेजा गया था। इनमें से 19 श्रमिकों ने सोशल मीडिया के जरिये केन्द्र व राज्य सरकार से घर वापसी की अपील करते हुए त्राहिमाम संदेश भेजा है। जिसमें बताया गया है कि कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से पिछले तीन महीने का वेतन नहीं मिलने से वे दाने-दाने के मोहताज हैं। इन श्रमिकों का कहना है कि उनके पासपोर्ट जब्त कर लिये गए हैं।

ये भी पढ़ें – सऊदी में शहबाज शरीफ के खिलाफ नारेबाजी मामलाः इमरान खान ने सफाई में कही ये बात

बीते सालों में ऐसे कई मामले सामने आए
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब दलालों के चक्कर में पड़कर विदेश गए कामगार वहां फंस जाते हैं। बीते सालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। पिछले 28 अप्रैल को मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों में से 10 मजदूरों की वतन वापसी हुई है। जबकि 20 मजदूर अभी भी वहीं हैं और देश वापसी की राह देख रहे हैं।

19 श्रमिकों को कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा श्रीलंका पहुंचाया
राज्य के कई इलाकों में विदेशी कंपनियों के लिए काम करने वाले ब्रोकर गिरोह मजदूरों को ज्यादा पैसे का लालच देकर विदेश भेजते रहे हैं। जानकारी के अनुसार झारखंड के 19 श्रमिकों को कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा श्रीलंका पहुंचाया गया। लेकिन वहां मजदूरों से जब काफी कम मेहनताने पर काम कराया जाने लगा तो वे ठगा महसूस कर रहे हैं और वापसी की गुहार लगा रहे हैं।

फंसे श्रमिकों के नामः
इन श्रमिकों में गिरिडीह जिले के वकील महतो, कारू अंसारी, अब्दुल अंसारी, अख्तर अंसारी, फिरोज आलम, छत्रधारी महतो, देवानंद महतो, सहदेव महतो, रामचंद्र कुमार, प्रसादी महतो, प्रदीप महतो, तुलसी महतो, कोलेश्वर महतो, तिलक महतो, राजेश महतो, महेश महतो, धनबाद जिले के मनोज कुमार और हजारीबाग जिले के नागेश्वर महतो एवं देवेन्द्र महतो शामिल हैं।

पहले भी हो चुका है ऐसा
प्रवासी मजदूरों के हित में काम कर रहे झारखंड़ के भाई सिकन्दर अली ने बताया कि यह कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, लेकिन उन्हें कई प्रकार की यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। काफी मशक्कत के बाद ये अपने देश वापस लौट पाते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.