तिहाड़ जेल के भीतर से हुई 200 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में एक अन्य जेल अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित की पहचान असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट प्रकाश चंद के रूप में हुई है। अभी वह तिहाड़ जेल में तैनात था, लेकिन जिस समय सुकेश चंद्रशेखर ने 200 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया, उस समय वह रोहिणी जेल में कार्यरत था। आर्थिक अपराध शाखा, जेल अधिकारी की भूमिका को लेकर पूछताछ कर रही है।
अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की ठगी को दिया अंजाम
जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में सुकेश चंद्रशेखर को चुनाव आयोग के नाम पर मोटी रकम ठगने के मामले में अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया गया था। उसे पहले तिहाड़ जेल में रखा गया था, जहां से बाद में उसे रोहिणी जेल भेजा गया। वहां रहने के दौरान जेल अधिकारियों की तरफ से उसे सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही थीं। वहां रहते हुए उसने कारोबारी शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया।
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इस कारण दोबारा गिरफ्तार
इस मामले का खुलासा होने के बाद उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया था। उसे सहयोग करने वाले सात जेल अधिकारियों की गिरफ्तारी पहले ही आर्थिक अपराध शाखा ने कर ली थी। वहीं 80 से ज्यादा के खिलाफ भ्रष्टाचार के तहत एक्शन लेने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिखा गया था।
कीमती मोबाइल का भी इस्तेमाल
आर्थिक अपराध शाखा को छानबीन के दौरान पता चला कि रोहिणी जेल में रहने के दौरान जेल के अधिकारी सुकेश को तमाम सुविधाएं मुहैया करा रहे थे। वह जेल में कीमती मोबाइल भी इस्तेमाल कर रहा था। इसके लिए प्रत्येक 15 दिन में वह 65 लाख रुपये की रिश्वत जेल अधिकारियों को देता था। इस मामले में जांच करते हुए पुलिस के सामने असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट प्रकाश चंद का नाम सामने आया था।
पूछताछ के बाद गिरफ्तार
पुलिस ने पूछताछ करने के बाद प्रकाश चंद को गिरफ्तार किया है और इसकी जानकारी तिहाड़ जेल प्रशासन को दे दी है। तिहाड़ जेल प्रशासन भी अधिकारी को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। सूत्रों की मानें तो रोहिणी जेल में सुकेश चंद्रशेखर को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने में प्रकाश चंद का हाथ था। इसे लेकर उनसे पूछताछ चल रही है।