सिविल लाइंस में बिल्डर राम किशोर अग्रवाल की हत्या और लूट के मामले को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। मेट्रो पुलिस ने मुख्य आरोपित को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से पकड़ा है। खास बात यह है कि आरोपित मेट्रो कार्ड के जरिए पुलिस के हत्थे चढ़ा। देर रात पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है लेकिन पुलिस उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं कर रही है।
मेट्रो पुलिस अधिकारियों के अनुसार पकड़ा गया आरोपित नाबालिग है। वह मूलतः बिहार का रहने वाला है और दिल्ली में वजीराबाद इलाके में रहता है। इसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी मिला है। उसपर लूटपाट का मामला दर्ज है। इस मामले में पुलिस उसे पहले पकड़ चुकी है। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है। पुलिस लूट की रकम की बरामदगी और उसके दूसरे साथियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
पुलिस ने 1 मई को वारदात के बाद सभी इलाके में लगे तीन सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। इसमें घटना से पहले और बाद में संदिग्धों की हरकतों की जांच की गई। फुटेज से पता चलता है कि बदमाश 30 अप्रैल की रात अपनी अपाचे बाइक को बिल्डर के घर के पास पार्क करने आए थे। वहां से वह पैदल ही सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पहुंचे। जहां से वह मेट्रो में सवार होकर ग्रीन पार्क स्टेशन पहुंचे। फिर मेट्रो में सवार होकर वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मेट्रो से बाहर निकले और परिसर में कुछ समय बिताने के बाद यलो लाइन मेट्रो में सवार हो गए। समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन पहुंचने के बाद उनका टोकन खत्म हो गया। उन्होंने मेट्रो कार्ड का इस्तेमाल किया और बाहर निकलने के बाद एक ऑटो में सवार हुए। जहां से वह हैदरपुर गांव पहुंचे। एक टीम ने ऑटो रिक्शा चालक से पूछताछ की और दूसरी टीम ने डीएमआरसी से संपर्क कर आरोपियों के मेट्रो कार्ड की जानकारी हासिल की। मेट्रो पुलिस को इस बात की जानकारी दे दी गई। मेट्रो के स्पेशल स्टाफ निरीक्षक अजय बदमाशों पर निगरानी रखनी शुरू कर दी। डीएमआरसी ने पुलिस को बताया कि आरोपी अगर मेट्रो कार्ड का इस्तेमाल करता है तो इसकी जानकारी पुलिस को मिल जाएगी। शाम में आरोपी ने राजीव चौक पर कार्ड का इस्तेमाल किया और पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
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