श्रमिकों के परिवार को पर्यटन व धार्मिक यात्रा कराने वाला उत्तर प्रदेश (यूपी) देश का प्रथम राज्य बन गया है। देश के कई राज्यों ने यहां की नियमावली मांगी और यह चर्चा का विषय बना हुआ है। श्रम विभाग ने उत्तर प्रदेश के ऐसे श्रमिक परिवार जिनका वेतन 15 हजार से कम था, पर्यटन और धार्मिक यात्रा कराने का कार्य किया है। ऐसे 2,200 परिवारों को मां गंगा, हरिद्वार, कालिया शरीफ, बाबा विश्वनाथ, अयोध्या धाम व मथुरा आदि की यात्रा करवाई गई है। यह जानकारी झांसी सर्किट हाउस पहुंचे श्रम कल्याण परिषद राज्यमंत्री सुनील भराला ने पत्रकारों को दी।
सुनील भराला ने क्या कहाः
सुनील भराला ने कहा कि चुनाव के समय सम्मेलनों में जो वायदे किए गए थे, उसे दूसरी बार मुख्यमंत्री बनते ही योगी जी ने पूरा किया है। उन्होंने बताया कि कन्यादान योजना के लिए धनराशि 15 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दी गई है। दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसे 15 हजार दिए जाते थे, अब उसे एक लाख रुपये कर दिया गया है। ऐसी बहनें जिनका किसी दुर्घटना में कोई अंग खराब हो गया या विधवा हो गई हों, ऐसे परिवारों को चिन्हित कर सुषमा स्वराज महिला सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत सिलाई मशीन देने का काम किया गया है। बीमारी के लिए पांच लाख रुपये तक का सहयोग कर बीमारी से मुक्ति दिलाए जाने के लिए आयुष्मान योजना की व्यवस्था की गई है।
ये भी पढ़ें – मेरठ में इनामी मांस तस्कर का मकान कुर्क! जानें, कितने मामलों में है आरोपी
पलायन रोकने का प्रयास जारी
यही नहीं, प्रदेश में दूसरी बार योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही विद्युत कनेक्शन और बिजली बिल का वायदा पूरा किया गया। भवन व सड़क निर्माण करने वाले श्रमिकों की बहन बेटियों को एक लाख की राशि प्रदान की जाएगी। कानून व्यवस्था को ठीक करने का कार्य प्रदेश सरकार कर रही है। कोरोना के दौरान करीब 45 लाख श्रमिक अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में वापस हुए थे। उनमें से करीब 5 लाख 90 हजार लोगों को रोजगार सृजित करते हुए यही रोकने का कार्य किया गया है। इससे पलायन की दर में कमी आई है। उन्होंने कहा कि आगे भी पलायन रोकने के लिए और रोजगार मुहैया कराने के लिए श्रम विभाग कार्य करता रहेगा। उनके साथ पूर्व जिला अध्यक्ष परिषद के सदस्य संजय दुबे भी उपस्थित रहे।