जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 5 मई को पटना में रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि वे कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बनाना चाहते। वे बिहार में बदलाव लाना चाहते हैं। इसलिए इसपर काम करने के इच्छुक हैं। इसके लिए वे दो अक्टूबर को चंपारण से जन सुराज पदयात्रा करेंगे। यह यात्रा तीन हजार किलोमीटर की होगी। इसमें बिहार के हर उस व्यक्ति से मिलने की कोशिश होगी जो बिहार में बदलाव चाहते हैं।
राजनीतिक दल के गठन पर कर सकते हैं विचार
पटना के ज्ञान भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि जन सुराज के तहत उनके साथ करीब 17 से 18 हजार लोग पहले से जुड़े हुए हैं। वे व्यक्तिगत रूप से इन लोगों मिलेंगे और बिहार के विकास एवं बिहार में नए बदलाव पर चर्चा करेंगे। अगर उन लोगों की सहमति बनी तो राजनीतिक दल के गठन के बारे में भी विचार किया जा सकता है लेकिन फिलहाल कोई राजनीतिक दल नहीं बना रहे हैं।
कोरोना की वजह से बिहार में बंद किया था अभियान
2020 में शुरूआत किये गये उनके अभियान ”बात बिहार की” को बंद करने पर किये गये सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 2020 में कोरोना की वजह से हमने बिहार में अभियान को बंद कर दिया था। प्रशांत ने उन्हें सीरियसली नहीं लेने वाले लोगों को कहा कि आप मुझे वक्त दीजिए मैं खुद को साबित करके दिखाऊंगा कि बहुत सारे लोग साथ में जुड़ना चाहते हैं लेकिन उन्हें विश्वसनीयता की समस्या हो सकती है मैं केवल उनसे वक्त चाहता हूं।
आज भी बिहार में मूलभूत सुविधाओं की कमी
बिहार के दो सियासी दिग्गजों लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर एक साथ निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में विकास के दावे चाहे जो भी किए जाएं लेकिन हकीकत यह है कि बिहार के दो बड़े नेताओं ने 30 साल तक शासन करने के बाद भी बिहार की समस्या का समाधान नहीं किया। आज भी बिहार में मूलभूत सुविधाओं की कमी है।
नीतीश कुमार भी साधा निशाना
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में विकास की लंबी चौड़ी बातें करते हैं लेकिन यहां आधारभूत विकास को लेकर बिहार के आंकड़े क्या है यह बात किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़ों को देखें तो बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति समेत तमाम पैरामीटर की सच्चाई सामने आ जाती है।
जेडीयू नहीं ज्वाइन करेंगे पीके
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से उनके निजी रिश्ते हैं। दिल्ली में उनसे मुलाकात होती रहती है। उनके साथ खाना पीना भी हुआ है। उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि वह जनता दल यूनाइटेड ज्वाइन करने वाले हैं। उनके साथ आगे काम नहीं किए जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस का वर्किंग स्टाइल अलग है। कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के लिए कह रहा था लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहता।